रायबरेली। एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश भर के लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है, साथ ही नागरिकों को रहने के लिए आवास और राशन तक मुहैया करा रही है।
वहीं दूसरी तरफ रायबरेली जिले के अंतर्गत एनटीपीसी ऊंचाहार परियोजना का प्रबंधन स्वयं के विकास के लिए अपने आस पास स्थित गांवों के ग्रामीणों को बेघर और बेरोजगार करने का प्रयास कर रही है।
उक्त आरोप ऊंचाहार परियोजना से प्रभावित खुर्रमपुर सभा के निरंजनपुर गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रबंधन पर लगाए हैं।
यह पूरा मामला तहसील क्षेत्र ऊंचाहार के खुर्रमपुर ग्राम सभा के निरंजनपुर गांव का है। यहां के प्रधान प्रतिनिधि विनय शुक्ला उर्फ बाबा ने बताया कि एनटीपीसी ऊंचाहार की परियोजना निरंजनपुर गांव की ओर अपना एक और प्रवेश द्वार खोलना चाहती है। जिसके लिए अधिकारियों ने गांव से जुड़े और बाउंड्री के बगल में लगे पेड़ों और करीब तीन दशक पहले से बने विद्यालय के जर्जर इमारत को तोड़ दिया। इसके बाद परियोजना प्रबंधन ने करीब एक माह पूर्व निरंजनपुर गांव के मोड़ पर 40 वर्षों से रहने वाले ग्रामीणों की दुकानों और मकानों को तोड़ने का नोटिस चस्पा कर दिया था। प्रधान प्रतिनिधि ने कहा कि इस सम्बन्ध में बीती 11 दिसंबर को दर्जनों ग्रामीणों की मौजूदगी में हमारे द्वारा उप जिलाधिकारी ऊंचाहार सिद्धार्थ चौधरी को और परियोजना के महाप्रबंधक को भी संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें हमारे द्वारा एनटीपीसी परियोजना के प्रबंधन से मांग की गई है कि ग्रामीणों के घर और दुकानों को क्षति पहुंचाने से पहले निरंजनपुर गांव के सम्पूर्ण विकास और वर्तमान में जिन ग्रामीणों की दुकान और मकानों को तोड़ा जाना है उनके बच्चों को रोजगार देने की भी जिम्मेदारी उठाए।
आज शनिवार 21 दिसंबर को एक बार फिर से परियोजना के अधिकारियों ने निरंजनपुर गांव की तरफ को रुख किया और उनकी दुकानों और घरों को तोड़ने का अल्टीमेटम दिया। जिसके बाद अधिकारियों के सामने प्रधान प्रतिनिधि के नेतृत्व में सैकड़ो ग्रामीण इकट्ठा हो गए और प्रबंधन के अधिकारियों से गांव के विकास का जिम्मा उठाने की मांग की।
इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि विनय शुक्ला ने एक बार फिर से प्रबंधन के अधिकारियों से कहा कि परियोजना से सटे होने की वजह से निरंजनपुर गांव अधिक प्रभावित हुआ है और आज तक परियोजना प्रबंधन ने इसे नजरंदाज किया है। परंतु अब सबसे पहले गांव की सड़क का निर्माण किया जाए और सोलर लाइट जैसी अन्य योजनाओं से ग्रामीणों को लाभ पहुंचाया जाए। इसके बाद ही निर्माण कार्य होने दिया जाएगा। अन्यथा ग्रामीण प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।
Home » मुख्य समाचार » ग्रामीणों के घर और दुकानों को क्षति पहुंचाने से पहले उनके बच्चों के रोजगार और गांव के विकास का जिम्मा उठाए परियोजना प्रबंधन: विनय शुक्ला