हाथरस। स्वच्छ भारत मिशन के लिए सरकार जहां अरबों रूपये पानी की तरह बहा रही है, वहीं ग्रामीण अंचलों के मार्ग में भर पानी ने सरकारी कार्यकलापों की कलई खोल दी है। गांव लढौटा के परिक्रमा मार्ग में जलभराव होने के कारण लोगों को परेशानी के साथ बीमारी का भय सता रहा है। जिसे लेकर ग्रामीण महिला पुरूषों ने प्रदर्शन करते हुए जलभराव से निजात पाने की सरकार से मांग की है।
गांव लढौटा में शनिवार को जलभराव के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि करीब चार वर्षों से गांव के परिक्रमा मार्ग में नालियों का पानी अपना स्थान बनाए हुए है। नालियों के पानी का सही निकास न होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है। वहीं सफाई कर्मचारी भी गांव में कुछ नालियों की सफाई के बाद कूडे का ढेर लगा जाता है जिसे कई दिनों बाद उठाया जाता है। इसके अलावा उन्होंने इसकी शिकायत कई बार ग्राम प्रधान के साथ-साथ उच्चाधिकारियों से लिखित एवं मौखिक रूप से भी की है। मगर कोई सुनवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग की माप प्रशासनिक अधिकारियों ने एक बार तो माप भी कर ली है, मगर कोई कार्य नहीं किया। यहां से निकलने वाले लोग तथा बच्चे पानी में गिर जाते हैं, तथा गंदगी भरे पानी से मच्छर आदि का भय सता रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां जो भी सरकारी नुमाईदे आए वह सिर्फ आश्वासन की दवा पिलाकर चले गये। जिसे लेकर ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। इस दौरान कुशलपाल सिंह, विनोद प्रताप सिंह, वीरेन्द्र प्रताप सिंह, संजय सिंह, दादा रामवीर सिंह, सुरेन्द्र जादौन, अंकित आदि मौजूद थे।