मथुरा। उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान, मथुरा में विख्यात पशु विकृति विज्ञानी तथा भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के संस्थापक अध्यक्ष, डॉ. सी. एम. सिंह स्मारक भाषण का आयोजन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव की मार्गदर्शन एवं निर्देशन में आयोजित किया गया। स्मारक भाषण के मुख्य अतिथि, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) तथा आसाम कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जोरहाट के पूर्व कुलपति, डॉ. के. एम. बुजरबरूआ थे। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में डॉक्टर चिंतामणि सिंह के पशु चिकित्सा विज्ञान में योगदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं को डॉ. सिंह से प्रेरणा लेते हुए उनके पद चिन्हों पर चलते हुए, आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा की हमारे देश में पशुपालन, मुर्गी पालन तथा उनके उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में दूध, दही, घी, मक्खन, अंडा मांस आदि की उपलब्धता, पशु वैज्ञानिकों की शोध एवं उनके क्रियान्वयन का फल है। विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव ने डॉ. सिंह के योगदानों को याद करते हुए, उनसे प्रेरित होकर जीवन में निरंतर आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि डॉ. सिंह ने ने पशुओं की विभिन्न प्रकार की बीमारियों के निदान एवं रोकथाम में अहम योगदान दिया है। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर देश दीपक सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार, प्रोफेसर अतुल सक्सेना ने आगंतुकों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। निदेशक शोध, प्रोफेसर विनोद कुमार ने डॉक्टर चिंतामणि सिंह की जीवनी का संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रोफेसर विकास पाठक, अधिष्ठाता पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय; प्रोफेसर अर्चना पाठक, अधिष्ठाता परास्नातक; प्रोफेसर आर. पी. पांडे, अधिष्ठाता बायोटेक्नोलॉजी महाविद्यालय; प्रोफेसर सरबजीत यादव, निदेशक डिप्लोमा संस्थान; प्रोफेसर अरुण कुमार मदान, कुलसचिव; डॉ. नित्यानंद पांडे, अधिष्ठाता मत्स्यिकी महाविद्यालय; प्रोफेसर रश्मि सिंह, अधिष्ठाता डेरी विज्ञान महाविद्यालय; प्रोफेसर विजय पांडे, प्रोफेसर अरविंद त्रिपाठी, प्रोफेसर बृजेश यादव, प्रोफेसर अमित सिंह, प्रोफेसर लक्ष्मी प्रसाद सहित विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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