नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। सियाचिन, दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है, जहां प्रत्येक वस्तु को आंतरिक क्षेत्र से लाया जाता है। ग्लेशियर से सभी प्रकार के कचरे को हटाना एक बडी चुनौती है, क्योंकि ये पर्यावरणीय खतरा बन सकते हैं।
स्वच्छ भारत अभियान अक्तूबर 2014 में प्रारंभ हुआ था। तब से लेकर आज तक सियाचिन में सेना 63 टन से अधिक कचरा अपने बेस स्टेशन को भेज चुकी है। इन कचरों में पैकिंग सामग्री, बैरल और शीघ्र सड़ने वाली वस्तुएं शामिल हैं। ये कचरे उन स्थानों पर पहुंचाए जाते हैं जहां इनका निपटान होता है। यांत्रिक रूप से गहरे गढ्ढे खोदे जाते हैं और उसमें इन कचरों का निपटान किया जाता है। ये स्थान नदियों के बहाव क्षेत्र से दूर होते हैं।
कचरे की बड़ी मात्रा को व्यक्तियों द्वारा पीठ में लादकर, कुलियों द्वारा, खच्चरों द्वारा और कभी-कभी हेलीकाॅप्टर द्वारा भी ढोया जाता है। सेना उच्चतम युद्ध क्षेत्र की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए हमेशा कदम उठाती रही है।