विश्व बंधु शास्त्रीः बागपत। उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व सिचाई मंत्री डाक्टर मेहराजुदीन अहमद का शनिवार को बीमारी के चलते निधन हो गया। उनके निधन से उनके पैतृक कस्बे रटौल में शोक का छा गया। कस्बे के दुकानदार भी बाजार बंद कर उनके जनाजे मे शामिल हुए।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बागपत के रटौल निवासी पूर्व सिचाई मंत्री डाक्टर मेहराजुदीन अहमद का बीमारी के चलते निधन हो गया। दो दिन पहले तबियत खराब होने पर उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल मे भर्ती कराया गया था। उनकी मौत का समाचार जैसे ही कस्बे के लोगो को पता चला तो लोगों मे शोक छा गया। दुकानदारों ने बाजार बंद कर शोक मनाया। बडी संख्या में लोग उनके आवास के लिए रवाना हो गए। कस्बावासियों ने बताया कि पूर्व सिचाई मंत्री डाक्टर मेहराजुदीन अहमद एक मिलनसार व्यक्ति थे। छोटा हो या बड़ा जो भी उनके पास समस्या लेकर पहुंचा, उसका समाधान उन्होंने कराया। उनका असमय चले जाना कस्बे के लोगो की क्षति हुई है।
पूर्व सिचाई मंत्री का राजनीतिक सफर
डा. मेराजुद्दीन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से ही की थी। वे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कई वर्षों तक सदस्य रहे। उन्होंने वर्ष 1983 में कांग्रेस से सरधना विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बाद में उन्होंने 1998 और 1999 में समाजवादी पार्टी से बागपत लोकसभा से चुनाव लड़ा। वे जीत तो नहीं पाए लेकिन उनके चुनाव लड़ने से चौ. अजित सिंह को हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2002 में उन्होंने सपा छोड़कर रालोद का दामन थाम लिया। रालोद में आते ही उनको वर्ष 2003 में निर्यात निगम का चेयरमैन बना दिया गया। बाद में रालोद से ही प्रदेश के बाढ़ एवं सिंचाई मंत्री बने। छह माह तक वे कैबिनेट मंत्री रहे। अभी वे रालोद के राष्ट्रीय महामंत्री थे, लेकिन रालोद और भाजपा का गठबंधन होते ही उन्होंने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था और काग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे।