फिरोजाबाद। प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्विद्यालय सेंटर पर आज ब्रह्मा बाबा का 56 वां स्मृति दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भाई बहनों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ब्रह्मा बाबा को याद करते हुए उनके द्वारा बताए गए आध्यात्म के मूल तत्व और सार को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
सेंटर की संचालिका सरिता दीदी ने कहा कि ब्रह्माबाबा इनका जन्म वर्ष 1876 ई. में सिंध हैदराबाद के एक मुख्याध्यापक के घर में हुआ था। उनका बचपन का नाम दादा लेखराज था। बचपन से ही उनमें भक्ति भाव के संस्कार भरे हुए थे। ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने बचपन से ही खोज शुरू कर दी थी। इन्होंने 12 गुरु किए, परंतु मन को शांति नहीं मिली। दीदी ने बताया कि अपना जीवनयापन करने हेतु इन्होंने हीरे-जवाहरात का काम बड़ी ईमानदारी व सच्चाई सफाई से शुरू किया। वह अपने धंधे से केवल अपने परिवार का ही पालन पोषण नहीं करते थे, बल्कि जरूरतमंदों की झोली भरपूर करके उन्हें भेजते थे। व्यवसाय करते-करते धीरे-धीरे वैराग्य आने लगा।एक दिन बाबा पूजा में बैठे हुए थे कि इनको एक प्रकाश-पुंज नजर आया और तब से दादा लेखराज ब्रह्माबाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गए और माताओं व बहनों को इस ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया। अपनी सारी पूंजी ट्रस्ट के हवाले कर दी। इस प्रकार उन्होंने स्त्री जाति को सबसे ऊंचा दर्जा दिया। तन-मन-धन इनके हवाले कर आप इस ट्रस्ट के सेवाधारी वन सेवा में लीन हो गए। ब्रह्माकुमारी संस्थान का नेतृत्व माताओं बहनों द्वारा सुचारू रूप से हो रहा है। इस संस्थान में माताओं-बहनों के साथ भाई भी पूरा योगदान दे रहे हैं, लेकिन विश्व के सभी केंद्रों की मुख्य एक बहन ही होगी कार्यक्रम का संचालन खुशी बहन ने किया। इस दौरान डॉ प्रभास्कर राय, कर निर्धारण अधिकारी नीरज पटेल, गौरव सचदेवा, गगन सचदेवा, राकेश गोयल सीए, अनुपम शर्मा, मनोज शर्मा, चंद्रप्रकाश शर्मा, प्रेमपाल यादव, ओमप्रकाश शर्मा, डॉ धुर्व आचार्य, कमलेश सचदेवा, नीरू अरोरा, रीना विज, रजनी बहन, मीनू अरोरा, दिनेश उपाध्याय, प्रदीप यादव आदि मौजूद रहे।