टूंडला, जन सामना संवाददाता। हर समय रेल यात्रियों की मदद को तत्पर रहने वाली रेलवे पुलिस छह दिन से प्लेटफार्म पर पड़े बेसहारा वृद्ध को सहारा भी न दे सकी। वृद्ध प्लेटफार्म नंबर तीन पर अपने जीवन की अंतिम सांसें गिन रहा है।
रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन हजारों यात्री इधर से उधर आते-जाते हैं। आने-जाने वाले यात्रियों पर रेलवे पुलिस अपनी पैनी नजर रखती है लेकिन विगत छह दिन से प्लेटफार्म नंबर तीन पर पड़े वृद्ध की ओर रेलवे पुलिस की नजर तक नहीं पड़ी। प्लेटफार्म नंबर दो पर निर्माण कार्य चल रहा है। जीआरपी और आरपीएफ कर्मी अधिकतर प्लेटफार्म नंबर तीन और चार पर ही अपना अधिकतर समय बिताते हैं। इसके बावजूद भी किसी ने वृद्ध को सहारा देने की कोशिश नहीं की। वृद्ध हाथ पैर से लाचार होने के साथ ही कुछ बोल भी नहीं पा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वृद्ध ने कई बार उठने का प्रयास किया लेकिन कमजोरी अधिक होने के कारण उठ नहीं सका। वृद्ध जीवन की एक-एक सांस गिनकर काट रहा है। प्लेटफार्म से गुजरने वाला कोई भी यात्री यदि उसे कुछ खाने को डाल जाए तो वह खा लेता है अन्यथा सारा दिन रात भूखे ही गुजार देता है। कई बार ट्रेनों में खान पान का सामान बेचने वाले वेंडर ही वृद्ध को चाय पानी दे जाते हैं।