नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनने के बाद दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर सरकार एक्शन में है। सीएम रेखा गुप्ता और डिप्टी सीएम प्रवेश वर्मी पीडब्ल्यूडी, जल बोर्ड के साथ बड़ी बैठक करने वाले हैं। यमुना में अलग-अलग तरीकों से सफाई की जा रही है।
13 जनवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में यमुना के पानी के जहरीले स्तर तक जा पहुंचने पर खुद संज्ञान लेते हुए यह सुनवाई शुरू की थी। कोर्ट ने ‘रिवर यमुना मॉनिटरिंग कमेटी’ से मसले पर रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने साफ किया था कि वह सिर्फ यमुना नहीं बल्कि दूसरी नदियों की स्थिति पर भी विचार करेगा। कोर्ट ने स्वच्छ पानी को लोगों के मौलिक अधिकार का हिस्सा कहा था।
मंगलवार, 25 फरवरी को यह मामला पहली बार जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच में लगा था। इससे पहले दूसरी बेंच इसे सुन रही थी। वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा एमिकस क्यूरी के तौर पर जजों के सामने पेश हुईं। उन्हें मामले में कोर्ट की सहायता के लिए नियुक्त किया गया है।
एमिकस ने जजों को बताया कि पहले दिल्ली और हरियाणा में यमुना के पानी में हिस्सेदारी और गंदगी को लेकर काफी विवाद रहा है। इस पर जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई ने कहा, ‘अब सरकार बदल गई है बदले हुए हालात में शायद सभी विवाद हल हो सके। नदी की सफाई से जुड़ी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। सुनवाई के अंत मे कोर्ट ने अगली तारीख 4 मार्च तय की। ध्यान रहे कि पिछले सप्ताह वायु प्रदूषण से जुड़े मामलों में भी सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने दिल्ली में सरकार बदलने से बेहतरी की उम्मीद जताई थी। उस मामले की एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने जस्टिस अभय एस. ओका की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा था कि दिल्ली और केंद्र सरकार की खींचतान के चलते सुनवाई में बेवजह समय बर्बाद होता था। जस्टिस ओका ने इस पर सहमति जताते हुए कहा था कि निश्चित रूप से सरकार बदलने से झगड़ा खत्म होगा. लेकिन सरकार को सक्रिय होकर काम भी करना होगा। तभी सकारात्मक बदलाव हो सकेगा।
दिल्ली की नई सरकार के सबसे प्रमुख कामों में यमुना की सफाई प्राथमिकता में है। नदी की सफाई के लिए संबंधित विभागों की ओर से कार्ययोजना भी बना ली गई। शुरुआती तौर पर मशीनों से कचरों की सफाई भी शुरू हो गई है। वहीं सरकार का कहना है कि इस साल छठ महापर्व में श्रद्धालु यमुना में डुबकी लगाएंगे। इसके लिए सरकार युद्ध स्तर पर साफ-सफाई के लिए काम शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर यमुना की सफाई पर प्रधानमंत्री कार्यालय भी निगरानी कर रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भाजपा के आश्वासन को दोहराया है कि यमुना की सफाई नई सरकार के पहले 100 दिनों की शीर्ष पांच प्राथमिकताओं में से एक थी।
– Pic and story by Kamal Nain Narang
Home » मुख्य समाचार » बीजेपी सरकार आने के बाद यमुना की सफाई पर जोर, तीन साल में यमुना नदी को साफ करने का लक्ष्य