पवन कुमार गुप्ता, रायबरेली। मेडिकल स्टोर पर दवाओं की बिक्री को लेकर काफी समय से मनमानी चल रही है। जिले के ऊंचाहार में एनटीपीसी आवासीय परिसर के अंदर शॉपिंग सेंटर में खुले मेडिकल स्टोर पर ग्राहकों को दवाएं खरीदने पर पक्का बिल नहीं दिया जाता है। ग्राहक दयाराम, राजकुमार, अमर बहादुर, गीता देवी आदि बताते हैं कि मेडिकल स्टोर पर दवाइयों को लेकर यह खेल काफी समय से चल रहा है।
बता दें कि विगत 20 जनवरी को एनटीपीसी में एक नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया था, जिसमें भारी संख्या में पहुंचे मरीजों का सिर्फ ऑपरेशन ही निःशुल्क किया गया, बाकी महंगी दवाएं, नंबर वाला चश्मा इत्यादि उन्हें खुद से खरीदना पड़ रहा है, ऐसे में मेडिकल स्टोर पर दवाओं की बिक्री बढ़ गई है, साथ ही इससे मरीजों की आर्थिक स्थिति खराब हुई। ज्ञात हो कि नैगम सामाजिक दायित्व के तहत लगने वाले इस शिविर में अधिकांश मजदूर और गरीब परिवार के लोग ही लाभ उठाने पहुंचे थे।
मरीजों (ग्राहकों) ने जब शॉपिंग सेंटर की मेडिकल स्टोर पर महंगी दवाएं खरीदी और उन्हें पक्का बिल नहीं दिया गया तब उन्होंने नाराजगी जताई, साथ ही स्वास्थ्य विभाग से शिकायत करने को भी कहा।
वहीं बताते चलें कि शासन के नियमानुसार, मेडिकल स्टोर पर कंप्यूटर की व्यवस्था होनी चाहिए, सीसीटीवी लगे होने चाहिए और दवाओं की खरीद और बिक्री भी दर्ज होनी चाहिए, साथ ही दुकान का लाइसेंस भी चस्पा होना चाहिए। क्षेत्र के अधिकांश मेडिकल स्टोर पर कंप्यूटर और सीसीटीवी ही नहीं है। साथ ही नियमानुसार ग्राहकों को पक्का बिल भी देना अनिवार्य है, परन्तु ऊंचाहार के आसपास और शॉपिंग सेंटर में खुली मेडिकल स्टोर पर ग्राहकों को पक्का बिल नहीं दिया जाता है। कभी-कभी ग्राहक भी उदासीन होकर पक्का बिल नहीं मांगते हैं, जिससे उन्हें दवा वापस करने अथवा क्लेम करने में समस्या भी होती है।
गौर करने वाली बात यह है ड्रग इंस्पेक्टर भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिले के ड्रग इंस्पेक्टर को फोन भी लगाया गया परन्तु नेटवर्क की समस्या बनी रही। जानकारों की माने तो मेडिकल स्टोर संचालक ग्राहकों को पक्का बिल इसलिए भी नहीं देते हैं क्योंकि पक्का बिल देने पर उन्हें निर्धारित टैक्स शासन को देना पड़ेगा, साथ ही पक्का बिल न देकर वह ग्राहकों को सस्ती दवाएं भी महंगे रेट पर बेच देते हैं।
Home » मुख्य समाचार » अनदेखी: हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर पर चल रही मनमानी, मरीज और ग्राहक दोनों परेशान