Monday, March 10, 2025
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सहजयोग ध्यान की एक अनूठी विधि हैः डॉ. राजेश

रायबरेली। सहजयोग आज का महायोग है। इसका मतलब यह है कि महायोग का समय है, जहां अंदर की सारी घटनाएं अपने-आप हो जाती हैं। यह कथन परमपूज्य श्रीमाताजी निर्मला देवी ने कहा था। उन्होंने बताया कि सहजयोग, ध्यान की एक अनूठी विधि है। यह आत्मसाक्षात्कार (कुंडलिनी ऊर्जा के जागरण) नामक एक अनुभव पर आधारित है। इस प्रक्रिया से व्यक्ति नैतिक, एकाग्र, एकीकृत और संतुलित हो जाता है।
यह उद्गार लालगंज रोड स्थित कृष्णपुर ताला में आयोजित तीसरे दिन चलो गांव की ओर कार्यक्रम के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय गायक डॉ. राजेश यूनिवर्स ने भक्ति संगीत एवं कुण्डलिनी जागरण व आत्म साक्षात्कार कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने सहज योग के फायदे बताते हुए कहा कि तनाव, चिंता, स्वास्थ्य और मानसिक लाभ संतुलन और खुशहाली की भावना को बहाल करना, आत्म-सम्मान को बेहतर बनाना, ऊर्जा को पुनर्जीवित करना, आशावाद, शांति और संतोष को बहाल करना, अपने ध्यान को स्वयं नियंत्रित करने की क्षमता विकसित करना है। उन्होंने बताया कि सहज योग की संस्थापक निर्मला देवी थी। जिन्हें श्रीमाताजी निर्मला देवी के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर दुर्गेश कुमार, धीरेन्द्र कुमार यादव, अल्पना शर्मा, दुर्गेश कुमार आदि लोग मौजूद रहे।