Sunday, June 8, 2025
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » विश्वविद्यालय में दिखायी गयी ‘संविधान निर्माण में बाबासाहेब द्वारा किये गये वाद-विवाद’ की झलक

विश्वविद्यालय में दिखायी गयी ‘संविधान निर्माण में बाबासाहेब द्वारा किये गये वाद-विवाद’ की झलक

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में 21 अप्रैल को विधि विभाग द्वारा ‘संविधान निर्माण में बाबासाहेब द्वारा किये गये वाद-विवाद’ विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत संविधान निर्माण एवं स्वतंत्रता संग्राम में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के योगदान को दृश्यों और चलचित्रों के माध्यम से दर्शाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. साश्या मिश्रा द्वारा किया गया, जिन्होंने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य की जानकारी दी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल के दिशा-निर्देश में आयोजित इस कार्यक्रम में विधि विभाग की प्रोफेसर एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रो. सुदर्शन वर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बाबासाहेब के अथक प्रयासों और दूरदर्शिता ने भारत को एक ऐसा संविधान प्रदान किया, जो प्रत्येक नागरिक की स्वतंत्रता, समानता और गरिमा की रक्षा करता है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व में अधिकांश देशों के संविधान की औसत आयु लगभग 17 वर्ष होती है, जबकि भारतीय संविधान 75 वर्षों की यात्रा के बाद भी अपनी मूल आत्मा के साथ मजबूती से खड़ा है।
कार्यक्रम के दौरान संविधान सभा में हुए बहस के कुछ महत्वपूर्ण अंशों को प्रस्तुत किया गया, जिससे यह समझाया गया कि भारतीय संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की सर्वाेच्च विधि है, जो लोकतांत्रिक शासन प्रणाली को संचालित करने के साथ-साथ नागरिकों के अधिकारों की भी रक्षा करता है। बाबासाहेब द्वारा संविधान में जोड़े गए स्वतंत्रता, समानता, नैतिकता, सामाजिक न्याय, मौलिक अधिकार, पंचायत राज, समाजवाद और नीति निदेशक सिद्धांत जैसे प्रावधानों की महत्ता को विस्तार से बताया गया।
अंत में डॉ. खुशनुमा बानो ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रो. संजीव चड्ढा, डॉ. सूफिया अहमद, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. अनीस अहमद, डॉ. मुजीबुर्रहमान, डॉ. ब्रजेश, डॉ. श्वेता त्रिवेदी, डॉ. विष्णुपति त्रिपाठी समेत कई शिक्षक, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में द्वितीय चरण के अंतर्गत वाद-विवाद, भाषण, पोस्टर मेकिंग, नाटक एवं काव्यपाठ जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।