नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी द्वारा आज राजधानी में आयोजित “साहित्य मंच” कार्यक्रम में चार भाषाओं के रचनाकारों ने बहुभाषी रचना-पाठ के माध्यम से साहित्य की विविधता और समृद्धता का सुंदर प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ओड़िआ कवि संग्राम मिश्र ने की और संचालन अकादेमी के उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत असमिया लेखिका रत्नोत्तमा दास द्वारा उनकी कहानी ‘रई जावा घड़ी’ के अंग्रेज़ी अनुवाद ‘The Watch on Her Wrist’ के पाठ से हुई। यह कहानी एक डॉक्टर के मनोवैज्ञानिक संघर्ष को दर्शाती है, जिसमें वह एक बच्ची की दुर्घटना से आंतरिक रूप से व्यथित हो जाता है। इसके पश्चात अंग्रेज़ी की कवयित्री रीता मल्होत्रा ने अपनी चार कविताएँ प्रस्तुत कीं—‘जुगलबंदी’, ‘Leela is Sixteen’, ‘The Soul Discovers Its Eternity’ और ‘Towards Infinity’—जिनमें सामाजिक विडंबनाओं और प्रकृति की आत्मीयता का सुंदर संगम देखने को मिला। पंजाबी कवि राजिंदर ब्याला ने ‘कतरा-कतरा’, ‘प्रेम की पहली कविता’ और ‘Why Do I Write’ शीर्षक से अपनी कविताओं का पाठ किया, जिनमें मानवीय संवेदनाओं और आत्मचिंतन की गूंज स्पष्ट रूप से सुनाई दी। अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संग्राम मिश्र ने सभी रचनाकारों की प्रस्तुतियों पर सारगर्भित टिप्पणियाँ कीं और अपनी दो कविताएँ भी सुनाईं, जिनमें से एक ओड़िआ भाषा में थी। कार्यक्रम में विभिन्न भाषाओं के महत्त्वपूर्ण कवि, लेखकों के साथ अच्छी संख्या में साहित्य प्रेमी भी उपस्थित थे।