Friday, May 16, 2025
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अन्तर्राज्यीय बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश

पुलिस टीम ने विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) से तीन दिन में अपहृत बालक को सकुशल किया बरामद
हाथरस। जिले की पुलिस ने एक संगठित अन्तर्राज्यीय बच्चा चोर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक चार वर्षीय अपहृत बालक को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से सकुशल बरामद कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। घटना 9 मई की है, जब कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित मोहल्ला जागेश्वर निवासी चार वर्षीय कविश की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा के निर्देशन में चार टीमें गठित की गईं, जिन्होंने बच्चे की तलाश शुरू की। पुलिस टीमों ने लगभग 500 सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग का गहन विश्लेषण किया। इसी जांच के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें विजयवाड़ा से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर हाथरस लाया गया है। मीडिया को जानकारी देते हुए एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया है कि यह एक संगठित गिरोह है, जो नवजात से लेकर चार साल तक के बच्चों को चुराकर बेचने का काम करता है। गिरोह में करीब एक दर्जन सदस्य शामिल हैं। ये लोग सबसे पहले किसी परिवार के आसपास किराए का मकान लेकर रहते हैं, फिर परिवार से दोस्ती कर बच्चे की फोटो अपने साथियों को भेजते हैं। सौदा तय होने पर बच्चे को बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया जाता है।
गिरोह बच्चों की उम्र के हिसाब से कीमत तय करता है, जिसमें नवजात शिशुओं की सबसे अधिक कीमत होती है। अपहरण के बाद बच्चे को एक सदस्य से दूसरे तक पहुंचाया जाता है, जब तक कि वह अंतिम खरीदार के पास न पहुंच जाए। अब तक की पूछताछ में आठ बच्चों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है। गिरफ्तार आरोपियों में हाथरस की जागेश्वर कॉलोनी निवासी मोनू पाठक, आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले का जिद्दी पाटला राघवेंद्र और दो महिलाएं शामिल हैं। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है। बच्चे की सकुशल वापसी के बाद परिवार में खुशी का माहौल है। परिजनों ने पुलिस का आभार व्यक्त किया। एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने भी बच्चे को स्नेहपूर्वक गोद में लेकर उसका हौसला बढ़ाया।