Sunday, June 1, 2025
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सदस्य गो सेवा आयोग ने गाय और प्राकृतिक खेती विषय पर विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा की

रायबरेली। उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के सदस्य रमाकांत उपाध्याय ने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में गाय और प्राकृतिक खेती विषय पर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक से पहले उन्होंने डीह ब्लॉक के कोनहाडीह स्थित कान्हा गौशाला, परशदेपुर और सलोन की मामुनि गोशाला का औचक निरीक्षण किया और वहां की सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने गौशालाओं में हरा चारा, पानी, कूलर, विद्युत, चिकित्सा और साफ-सफाई जैसी व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौशालाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हर घर में गाय पहुंचे। उन्होंने कहा कि गाय हमारी संस्कृति और संस्कारों का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने यह भी बताया कि गाय केवल कुछ वर्षों तक ही दूध देती है, लेकिन उसका गोवंश खेती और पर्यावरण के लिए लगातार लाभकारी होता है। किसानों को गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद और कीटनाशक तैयार करने की दिशा में लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि किसानों के घरों पर बायोगैस संयंत्र लगाने का प्रस्ताव है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा और गैस सिलेंडर पर होने वाला खर्च बचेगा। साथ ही खेतों को रासायनिक उर्वरकों से मुक्ति मिलेगी। गाय के गोबर से पेंट बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है। उन्होंने कहा कि हमें गौमूत्र और गोबर के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कैंसर आज एक गंभीर वैश्विक खतरा बनता जा रहा है, और गौमूत्र में ऐसी क्षमता है जो इस बीमारी को रोकने में मदद कर सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गाय न केवल स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है, और इसका वैश्विक महत्व है जिसे आम लोगों तक पहुंचाना जरूरी है। इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार सहित पशुपालन विभाग के कई कर्मचारी उपस्थित रहे।