⇒ पर्यावरण दिवस पर प्लास्टिक प्रदूषण रोकने का लिया संकल्प
रायबरेली। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एनटीपीसी ऊंचाहार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपने संकल्प और कार्यों को साझा करते हुए बताया कि कैसे वह विद्युत उत्पादन के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस वर्ष पर्यावरण दिवस की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को रोकना” है। इसी को ध्यान में रखते हुए कार्यकारी निदेशक एवं परियोजना प्रमुख अभय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “प्लास्टिक की समस्या तेजी से विकराल रूप लेती जा रही है। हमने अपने प्लांट और टाउनशिप में एकल उपयोग प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। हम सभी को संकल्प लेना होगा कि बाजार जाते समय कपड़े का थैला साथ ले जाएं और प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह बंद करें।”
प्रदूषण नियंत्रण में तकनीकी उपाय
एनटीपीसी ऊंचाहार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न आधुनिक तकनीकों को अपनाया है:
- पार्टिकुलेट मैटर नियंत्रण के लिए सभी छह इकाइयों में इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर को अपग्रेड किया गया है।
- सल्फर डाइऑक्साइड को नियंत्रित करने के लिए सभी इकाइयों में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन प्लांट लगाए गए हैं, जो अब पूर्ण रूप से क्रियाशील हैं।
- नाइट्रोजन ऑक्साइड को घटाने के लिए 5वीं और 6ठी इकाई में लो-नॉक्स बर्नर व एयर फायर डैम्पर लगाए गए हैं।
- कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने हेतु ग्रीन बेल्ट विकसित की गई है और अब तक 14.5 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं।
निगरानी और पारदर्शिता
एनटीपीसी ऊंचाहार की सभी चिमनियों में कंटीन्यूअस स्टैक एमिशन मॉनीटरिंग सिस्टम (CEMS) लगा है, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रीयल टाइम डेटा भेजता है। तीन अलग-अलग स्थानों पर एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित हैं, जिनकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा चेक की जाती है और प्लांट के मुख्य द्वार पर डिस्प्ले भी की जाती है।
जल संरक्षण और पुनर्चक्रण
- प्लांट में स्थापित 2 MLD सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और दो ETP प्लांट के माध्यम से अपशिष्ट जल का उपचार कर पुनः उपयोग में लाया जा रहा है।
- जीरो लिक्विड डिस्चार्ज नीति को पूरी तरह लागू किया गया है।
ग्रामीण विकास और सीएसआर
एनटीपीसी ऊंचाहार द्वारा आस-पास के तालाबों का पुनरुद्धार (कैथवल, बिकई, भवानीदीनपुर) किया गया है, जिससे जल संग्रहण क्षमता बढ़ी है और ग्रामीणों को सौंदर्ययुक्त स्थल भी प्राप्त हुए हैं।
नवाचार व अपशिष्ट प्रबंधन
- कैंटीन से निकलने वाले जैविक कचरे के निस्तारण के लिए 250 किलो/दिन क्षमता वाला बायो-मीथेनेशन गैस प्लांट लगाया गया है।
- प्लास्टिक तारपोलिन को एकत्र कर रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है।
- किसानों से पराली लेकर बायोमास पैलेट्स तैयार कर कोयले के साथ जलाया जा रहा है। अब तक 10,000 मीट्रिक टन बायोमास पैलेट्स का उपयोग किया जा चुका है, जिससे प्रदूषण कम होने के साथ किसानों को अतिरिक्त आय भी मिल रही है।
अनुसंधान और गुणवत्ता जांच
पर्यावरण विभाग द्वारा समय-समय पर जल और वायु की गुणवत्ता की IIT द्वारा जांच कर रिपोर्ट भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय को भेजी जाती है।
संकल्प
एनटीपीसी ऊंचाहार ने विश्व पर्यावरण दिवस पर संकल्प लिया है कि वह प्लास्टिक मुक्त ऊंचाहार के निर्माण में योगदान देगा और आमजन को भी कपड़े के थैले के उपयोग और वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करेगा।