Monday, June 9, 2025
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काव्योत्सव में बिखरे कविता के विभिन्न रंग

कानपुर। मां सरस्वती देवी स्मृति साहित्य संस्थान, कानपुर द्वारा शास्त्री नगर में आयोजित काव्योत्सव में कविता के विविध रंगों की छटा बिखरी। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने की, जबकि संचालन राजेश सिंह द्वारा किया गया। काव्योत्सव की शुरुआत कवि राजेन्द्र अवस्थी की सरस्वती वंदना से हुई। इसके पश्चात कवयित्री अनीता पाल ने अपनी रचना “स्वयं से कभी पुरुषार्थ को आंका नहीं करते, मैदाने जंग में रण छोड़ कर भागा नहीं करते” प्रस्तुत कर श्रोताओं की भरपूर सराहना प्राप्त की। कवि राजेश सिंह की रचना “आओ साधना करें, आओ साधना करें, देश प्रेम की साधना करें” को भी श्रोताओं ने खूब पसंद किया। वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने अपनी ओजपूर्ण रचना “आज आगे बढ़ी और पढ़ी बेटियां, पर्वतों के शिखर पर चढ़ी बेटियां, दुश्मनों की नजर जब पड़ी देश पर, हाथ बंदूक लेकर लड़ी बेटियां” के माध्यम से बेटियों की वीरता और संघर्ष को स्वर दिए, जिसे खूब तालियां मिलीं। कवि राजेन्द्र अवस्थी ने पहलगाम आतंकी घटना पर आधारित रचना “गर्व है देश की बेटियों पर हमें, हिन्दू होने की कीमत चुकाई सही, न डरी न झुकी न समर्पण किया, कह दिया गोली मारो हमें भी अभी” प्रस्तुत कर वातावरण को भावुकता और गर्व से भर दिया। कवि दीप कुमार शुक्ला की देशभक्ति से ओतप्रोत रचना “पाकिस्तान में घुस कर के हम हाहाकार मचा देंगे, मक्कारों के देश तुझे तेरी औकात बता देंगे” ने कार्यक्रम को ओज और जोश से भर दिया। डॉ. ओम प्रकाश पाठक एवं प्रदीप त्रिपाठी की रचनाओं ने भी श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। आगंतुकों के प्रति आभार रमेश सिंह ने किया, जबकि स्वागत महेंद्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर रोहित चौहान, शिवानी सिंह, नीलम सिंह, बिंदु सिंह, अविरल सिंह, दीपक, नेहा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।