जिला अस्पताल में पैसे देने के बाद सही व्यक्ति को बना दिया जाता है मरीज
चिकित्सक को नही होती जानकारी निचले स्तर के लोग करते रहते है सौदा
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। जिला अस्पताल के ट्रामा सेन्टर में पैसे लेकर अच्छे भले इन्सान को बीमार बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिसकी जानकारी चिकित्सक को नही हो पाती है। चिकित्सक के नीचे स्तर के लोग स्वंय ही चिकित्सक बन दवा देने के बाद उपचार कर मरीज को चलता कर देते है।
ऐसा ही मामला उस समय देखने को मिला। जब थाना रामगढ़ क्षेत्र के सैलई निवासी राजपाल सिंह पुत्र राधेश्याम जो कि कन्नौज में अपने को लेखपाल बता रहे थे। उसके साथी सिपाहीराम पुत्र भूपतराम को शराब के नशें में हंगामा करने पर जिला अस्पताल में पुलिस द्वारा डाक्टरी परीक्षण के लिए लाया गया था। लेकिन सरकारी अस्पताल में जब डाक्टरी परीक्षण से पूर्व ही चिकित्सक के नीचे के कर्मचारियों द्वारा उससे सौदा कर लिया गया। परीक्षण से पूर्व उसको मरीज बनाते हुए उसके हाथ में इन्टरकैप लगाने के बाद एक बोलत लगा दी। जिसको देख परीक्षण को लेकर आये पुलिसकर्मियों के होश उड गये। पूछने पर पता कि वह बीमार ही नही है आखिर बोतल किस लिये।
उसी दौरान चिकित्सक ने अपने रूम से कर्मचारियों को आबाज देकर मुल्जिम के हाथ से बोतल निकल बाते हुए। डाक्टरी परीक्षण किया गया, जब उक्त मामले के बारे में डयूटी पर तैनात चिकित्सक डा0 हंसराज से घटना की जानकारी की गयी तो पता चला कि चिकित्सक को घटना की जानकारी ही नही है। यह मामला पहला नही कई बार देखने को मिला है। चिकित्सक को पता नही चलता मरीजों डाक्टरी परीक्षण को आने वालों से बाहर ही बाहर सौदा कर लिया जाता है। उक्त मामले में जब सीएमएस डा0 आर के पाण्डे, सहयोगी डा0 आलोक कुमार से जानकारी की गयी तो उन्होने बताया येसा मामला हमारे संज्ञान में नही आया है। आप के द्वारा पुछा गया है तो मामले की जांच की जायेगी, दोषी पाये जाने वाले के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।