Sunday, November 24, 2024
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दलित पैंथर ने धम्म यात्रा निकालकर की रावण की पूजा अर्चना

कानपुर, श्यामू वर्मा। भारतीय दलित पैंथर के तत्वावधान में पैंथर धनीराम बौद्ध की अध्यक्षता में भारतीय दलित पैंथर कैंप कार्यालय से विशाल वाहन जुलूस धम्म यात्रा के लिए रवाना हुआ। जुलूस रवाना होने से पहले लंकाधिपति रावण की विधीविधान के साथ पूजा अर्चना की गई और सभी जय घोष के साथ नारे लगा रहे थे। कटे क्लेश जय लंकेश। जानकारी देते हुए धनीराम पैंथर ने बताया कि महान सम्राट अशोक ने क्वांर मांस की दशमी को महामानव जगत शास्ता बुद्ध की शरण ग्रहण की थी पूज्य बोधिसत्य बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने इस ऐतिहासिक तीर्थ को अपने लाखों लाख अनुयायियों एवं मानवता प्रेमियों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। इस ऐतिहासिक घटना क्रम की स्मृति में विगत 24 वर्षों से भारतीय दलित पैंथर मंडी समिति पुखरायां कानपुर देहात में विजया धम्म दिवस हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाता रहा है। जिसे बौद्ध धर्म दीक्षा समारोह एवं अंबेडकर मेले के नाम से जाना जाता है। उत्तर भारत का इकलौता मेला पूरे विश्व में विख्यात है। इस मेले में देश व विदेश से अनेकों धम्म भिक्खु अनेकों शासनिक प्रशासनिक अधिकारी अनेकों साहित्यकार व अनेकों धम्म विद्वान अपनी उपस्थिति दर्ज कर आते हैं।



पूरे देश सहित उत्तर प्रदेश के अनेकों जनपदों क्रमशः आजमगढ़ जौनपुर गोंडा लखनऊ उन्नाव फतेहपुर बांदा हमीरपुर इलाहाबाद इटावा औरैया कन्नौज आदि स्थलों से भारी जनसैलाब उमडता हैं। कानपुर नगर से भी विशाल जुलूस इस विशाल मेले में अपनी शिरकत करता है। कानपुर नगर में तथागत गौतम बुद्ध, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर, चक्रवती राजा महान सम्राट अशोक, जीवो के रक्षक द्रविड़ राजा रावण की पूजा अर्चना की गई। तदोपरांत विशाल वाहन जुलूस पुखरायां कानपुर देहात के लिए रवाना होता है इससे पूर्व धम्म अनुयायियों को संबोधित करते हुए। भारतीय दलित पैंथर के प्रांतीय अध्यक्ष धनीराम बौद्ध ने अपने संबोधन में कहा कि विजया धम्म दिवस के पावन पर्व पर परम पूज्य बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने बौद्ध ग्रह दिया और इस दिन उन्होंने संपूर्ण भारत को बौद्ध मय बनाने की घोषणा की किंतु अकाल मौत के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया। इसी सपने को साकार करने हेतु भारतीय दलित पैंथर निरंतर प्रयासरत है। मुख्य रुप से उपस्थित धनीराम पैंथर, केपीएस राव, प्रेम प्रकाश, जयशंकर सहाय, अरविंद दोहरे, महेंद्र कटिहार, आरबी सोनकर, एसबी गौतम, व आरडी सोनकर आदि लोग मौजूद रहे।
छायाकारः नीरज राजपूत