सासनी, हाथरस, नीरज चक्रपाणि। भारत सरकार द्वारा अनिवार्य विषय शिक्षा के माध्यम से साक्षर भारत अभियान के सपने को शिक्षक ही पलीता लगाने पर तुले हुए है। बच्चों को पढाने के नाम पर विद्यालय बुलाकर उनसे विद्यालय में मजदूरी कराई जाती है। ऐसा ही मामला कस्बा के प्रतिष्ठित विद्यालय केएल जैन इंटर कालेज में आया है। यहां मंडलीय खेलकूद प्रतियोगिता होने वाली है। इसे लेकर प्रधानाचार्य डा0 दीपक जैन द्वारा कक्षा आठ के छात्रों को विद्यालय के क्रीडांगन को सफाई करने पर लगा दिया। बच्चों को भी उस वक्त सफाई पर लगाया जब उनका विज्ञान का पीरियड चल रहा था। करीब एक दर्जन की संख्यां में छात्रों द्वारा ही पूरे फील्ड की सफाई की गई। इस दौरान यदि श्रमदान की बात करें तो न तो इन बच्चों के साथ कोई शिक्षक या प्रधानाचार्य या विद्यालय प्रबंधन कमेटी का कोई सदस्य मौजूद नहीं मिला। इस बावत जब प्रधानाचार्य से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बच्चों की पढाई के लिए अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जाती है। और यह तो बच्चों से स्वच्छ भारत अभियान के तहत श्रमदान कराया गया है। मगर यहां छुट्टी होने के बाद कोई भी शिक्षक विद्यालय में नहीं ठहरते तो अतिरिक्त कक्षाएं कैसे लगाई जाती है। श्रमदान की बात आती है तो वहां पूरे विद्यालय के बच्चे और शिक्षकों को भी स्वयं लगना चाहिए। बच्चों को इस प्रकार श्रमदान के नाम पर मजदूरी कराकर प्रधानाचार्य द्वारा बच्चों बच्चों की पढाई प्रभावित हो रही है।
साथ ही श्रमदान किसी प्रतियोगिता से पूर्व नहीं उसे कभी भी किया जा सकता है। वहीं अभिभावकों और छात्रों ने बताया कि प्रधानाचार्य की तानाशाही के कारण कोई भी उनके सामने बोलने की हिम्मत नहीं कर सकता। यदि कोई अभिभावक प्रधानाचार्य से शिकायत करें तो उनको बच्चों का नाम काटने की धमकी दी जाती है। इसलिए कोई भी उनके सामने बोलने की हिम्मत नहीं कर सकता।