कहा-व्यापारी हित में उठाया गया काफी अहम कदम
अनरजिस्टर्ड डीलर के माल की ढुलाई पर करदेयता समाप्त
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। इनकम टैक्स ट्रेड टैक्स बार एसोसियेशन फिरोजाबाद के डायरेक्टर कुलदीप मित्तल एडवोकेट ने व्यापारी हित में किये गये जी एस टी संशोधनों पर हर्ष व्यक्त करते हुये हाल ही में भेजे गये ज्ञापनपत्रों की अधिकतर मांगे मानने के लिये धन्यवाद ज्ञापनपत्र जी.एस.टी. काउंसिल को ई मेल द्वारा भेजा है।
श्री मित्तल ने कहा है कि सभी जरुरी संशोधन व्यापारी हित में किये गये है जिसके लिये प्रधानमंत्री मोदी जी विशेष धन्यवाद के पात्र है जिन्होने पूरे देश से व्यापारियों की उठ रही समस्याओं को समझकर वित्तमंत्री को निराकरण के निर्देश दिये। नये संशोधनों के अनुसार अब अक्टूबर 17 से डेढ़ करोड़ रुपये तक बार्षिक बिक्री वाले व्यापारियों को अपना रिटर्न त्रैमासिक देना होगा जिसकी काफी समय से मांग की जा रही थी, लेकिन 3बी वाला रिटर्न दिसंबर तक मासिक ही जायेगा। इस परिधि के व्यापारियों को एक छूट ये भी दी गई है कि एडवांस धनराशि की प्राप्ति पर कर से मुक्ति प्रदान कर दी गई है। ई वे बिल व रिवर्स चार्ज को 31 मार्च तक स्थगित किये जाने से चूड़ी व्यापारी सहित सभी व्यापारी लाभान्वित होगें। उल्लेखनीय है कि इसमें अपंजीकृत से माल खरीद या सेवा प्राप्ति पर रूपये पांच हजार प्रतिदिन की छूट के बाद करदेयता निर्धारित की गई थी। समाधान योजना वालों की लिमिट 75 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ करने से बहुत से व्यापारी और शामिल हो सकेगें। एक अच्छी सुविधा समाधान वालों को यह भी दी गई है कि वह 31 मार्च तक चाहे जब इसमें शामिल हो सकते है।
समाधान वालों के रिटर्न भी अब 18 अक्टूबर के स्थान पर 15 नवंबर तक दाखिल किये जा सकेगें। ट्रांसपोर्टरों को भी अनरजिस्टर्ड डीलर के माल की ढुलाई पर करदेयता समाप्त कर दी गई है। बरिष्ठ अधिवक्ता सुरेशचंद जैन एड. ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि यदि सरकार ने पहले ही व्यापारी हित में विचार करके यह संशोधन कर दिये होते तो देशभर में व्यापारी विरोध में न खड़े होते। लेकिन समय रहते संशोधन करने से व्यापारियों के साथ अधिवक्ताओं ने भी राहत की सांस ली है। एक महीने में 4-4 रिटर्न भरने के प्राविधान से सभी आहत थे जिसमें राहत देकर सरकार ने मरहम लगाने का कार्य किया है जिसके लिये निसंदेह सरकार बधाई की पात्र है। समाधान योजना को भी सतत जारी रखने, लिमिट बढ़ाने और रिटर्न दाखिल की तिथि बढ़ाने का बहुत अच्छा निर्णय लिया गया है। युवा अधिवक्ता निखिल मित्तल एडवोकेट ने संशोधनों पर सरकार को थेंक यू बोलते हुये कहा है कि अब बड़ी परेशानियों का दौर समाप्त हो गया है। अब लोग जी.एस.टी. को पहले की तरह कोसेगें नही क्योंकि उन्हें जल्दी जल्दी वकील और मुनीम के चक्कर नही लगाने पड़ेगें। अब वह सरकारी औपचारिकताओं के साथ साथ व्यापार पर भी भरपूर ध्यान दे सकेगें। ई वे बिल स्थगित होने से सरकार की कथनी करनी में कोई भेद नही रह गया दिखता है। सोने चाॅदी की खरीद दो लाख तक करने पर पैन की अनिवार्यता न रहने से विवाह शादी वालों ने चैन की सांस ली है। ट्रांसपोर्टर पर अपंजीकृत डीलर के माल की ढुलाई पर कर समाप्ति के दूरगामी परिणाम होगें और छोटे व्यापारी निर्बाध माल का आवागमन कर सकेगें।