खुले में शौच मुक्त घोषित कराने व अधिकाधिक शौचालय का निर्माण व उसके उपयोग के संकल्प को जन जन पहुंचाकर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अभियान स्वच्छता ही सेवा है अभियान को बनाये सफल: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। स्वच्छ भारत ग्रामीण के तहत स्वच्छता ही सेवा है विकास भवन के सभाकक्ष मे जिला स्वच्छता समिति के तहत आयोजित एक दिवसीय एसबीएम जी-आईइएस की प्राथमिकताओं हेतु सीएलटीएस/ओडीएफ स्वच्छता ही सेवा है अभियान को दूर दराज क्षेत्र में सफल बनाने के उद्देश्य से कार्यशाला मे जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ सिंह व विशेषज्ञो द्वारा स्वच्छता सेवा से जुडे अधिकारियो, सीएलटीएस प्रेरक आदि कोे स्वच्छता अभियान की बारीकियो को बताकर इसके फायदे बताए गए और उनसे कहा गया कि वे समस्त विभाग आदि जो कि स्वच्छता ही सेवा है स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण प्राथमिकताओं हेतु ओडीएफ को सफल बनाने हेतु खुले में शौच मुक्त घोषित कराने व अधिकाधिक शौचालय का निर्माण व उसके उपयोग के संकल्प को जन जन पहुंचाकर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अभियान स्वच्छता ही सेवा है को सफल बनाये। विकास भवन के सभाकक्ष में स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत आयोजित जिलास्तरीय अधिकारियो की एक दिवसीय एसबीएम जी-आईइएस की प्राथमिकताओं हेतु सीएलटीएस/ओडीएफ स्वच्छता ही सेवा है कार्यशाला अभियान को दूर दराज क्षेत्र में सफल बनाने के उद्देश्य से कार्यशाला/प्रदर्शनी का उद्घाटन जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होने कहा कि स्वच्छता, संयम, धैर्य, मेहनत लगन ईमानदारी से निरन्तर सम्पादित कार्य रचनात्मक, सकारात्मक तथा विकास परक होते है। जो जीवन के विकास का मंत्र है उन्होने कहा कि सरकार द्वारा स्वच्छता ही सेवा है अभियान स्वच्छता राष्ट्रीय उत्साह मे बदलने का संकल्प ले। स्वच्छता मे ईश्वर का वास होता है। स्वच्छता, सादा जीवन, उच्च विचार, मित्रव्ययिता, नैतिकता, भाईचारा तथा सर्वधर्म समभाव जैसे आदर्श जीवन मूल्यो को अपनाया जाए। उन्होने कहा कि दुनिया मे जो देश स्वच्छ दिखते है उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नही करते और न होने देते है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार सहित प्रदेश की सभी सरकारों का संकल्प है कि प्रदेश व देश को 2 अक्टूबर 2018 तक ओडीएफ कराना है।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं हेतु ओडीएफ हेतु चलाये जा रहे अभियान को सफल बनाये जाने हेतु गतिविधियों का आयोजन निरंतर होना आवश्यक है। स्वच्छता के आभाव से डायरिया, टाईफाईट, मलेरिया, फाईलेरिया, कालरा एवं इन्सेफलाइटिस आदि जन जनित बीमारियां होती है। खुले में शौंच लाने के कारण महिलाओं के आत्मविश्वास को ठेस पहुंचती है वहीं दूसरी ओर अपराधिक घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। खुले में शौंच मुक्त घोषित करने की दिशा में अधिक से अधिक शौचालय का निर्माण कराने/उपयोग में लाने हेतु जन समुदाय में सेवा दिवस के साथ ही विशेष साफ सफाई एवं स्वच्छता संबंधित गतिविधियों का आयोजन जनपद के सभी ग्राम पंचायतों महिलाओं के प्रति स्कूलों में छात्र-छात्राओं को प्रेरित करने वाली प्रचारक गतिविधियों को बढ़ाया जाये। गांव में नुक्कड नाटक का आयोजन किया जाये कल्चर गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाये। जल प्रबन्ध एवं स्वास्थ्य एवं स्वच्छता उन्मुखिकरण को बढ़ावा दिया जाये। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मातृ समूह क्षमता वृद्धि कार्यक्रम किये जाये। उन्होंने बताया कि 30 गांव से अधिक ओडीएफ हो चुके है जिनमें 80 गांव ऐसे है जो थोडी सी प्रयास से ओडीएफ हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि शौंचालय जो बन रहे है उनमें तकनीकी मानक के अनुरूप हो। सरकर बजट दे रही है ठीक न होने पर उनमें दुगंर्ध आयेगी और उनका ठीक से प्रयोग न हो पायेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वे अपने व्यवहार कार्यो में परिवर्तन लाकर सामाजिक, परिवारिक, राष्ट्र का नागरिक की जिम्मेदारी की प्रति आगे बढ़े। जन जागरण अभियान में गांव-गांव में टोली या गु्रप बनाकर सचेत करे कि उनको ओडीएफ और स्वच्छता ही सेवा के प्रति क्या-क्या करना हैै। मुख्य विकास अधिकारी न कहा कि अभियान की सफलता के लिए बच्चो को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने हेतु स्कूल व आंगनवाड़ी स्वच्छता एवं स्वास्थ्य शिक्षा को अभिन्न घटक बनाकर स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता ही सेवा है अभियान की सभी सकारात्मक गतिविधियो का संचालन प्रभावी तरीके से किया जाए। गरीबों को शौचालय उपलब्ध कराना तथा सभी ग्राम पंचायतो को पूर्ण रूप से खुले मे शौचमुक्त बनाना, ग्रामीणो क्षेत्रो के सामान्य जीवन मे सुधार लाना आदि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण व स्वच्छता ही सेवा है की प्राथमिकता व उद्वेश्य है। उन्होने कहा कि गांवो मे घर की बहू-बेटी लंबा घूंघट निकालकर खुले मे शौच जाती है कोई वाहन आने पर वह बार-बार खडी हो जाती है यह किस बात की इज्जत का प्रतीक है बहू-बेटियां दूर न जाए अतः शौचालय घर मे ही बनवाए जाए। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की आवश्कताओ को भी समझना होगा। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह व मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ सिंह ने जोर देते हुए कहा कि कार्यशाला मे बतायी जा रही जानकारियो को अमल मे लाया जाए और जन-जन तक पहुचाकर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण स्वच्छता ही सेवा है अभियान को सफल बनाए। महिलाओ और बच्चो को जागरूक करना जरूरी है क्योकि स्वच्छता के अभाव मे बीमारी महिलाओ व बच्चो मे ज्यादा पनपती है। कार्यशाला को पंचायत व स्वच्छता विशेषज्ञ आदि नेे ठोस एवं द्रव्य पदार्थो का उचित प्रबंधन, सीटीओ केके पाण्डेय स्वच्छता ही सेवा है, स्वच्छता क्या है और उसकी जरूरत क्यो आदि पर विमल कुमार व शैलेन्द्र श्रीवास्तव, आलिया, विंग संस्था के आफताब ने स्वच्छता मिशन ग्रामीण स्वच्छता ही सेवा है आदि पर विस्तार से ज्ञानबर्धक जानकारी व बारीकियो को बताया। इस मौके पर जिला वरिष्ठ कोषाधिकारी केके पाण्डेय, जिला विद्यालय निरीक्षक अरविन्द्र कुमार द्विवेदी, एडी सूचना प्रमोद कुमार, सिचाई, स्वास्थ्य, बीएसए कार्यालय के स्टाफ, विंगस के आफताब व नरूल हुदा, समाजसेवी कंचन मिश्रा आदि उपस्थित थे। स्वच्छता ही सेवा है के एक दर्जन से अधिक वाहन, प्रोजेक्टर तथा एकांकी नाटक टीम के माध्यम से स्वच्छता व पेयजल के बारे मे भी जानकारी दी गयी। कार्यक्रम का संचालन स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, स्वच्छता ही सेवा है अभियान का संचालन शैलेन्द्र श्रीवास्तव व अनूप संचान, आलिया अली सहित प्रशिक्षक के भाति किया। इस मौके पर जनपद स्तरीय अधिकारी, बीडीओ, एडीओ, बीएसए, आईसीडीएस, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग आदि के जिम्मेदारजन उपस्थित थे।