लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डेय ने बिजेनस रिफाम्र्स एक्शन प्लान-2017 से संबंधित विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये है कि वे इस कार्ययोजना से संबंधित संस्तुतियों, योजनाओं, प्रक्रियाओं के संबंध संस्तुत 12 क्षेत्रों के अन्तर्गत दिये गये सुझावों को 24 अक्टूबर, 2017 तक लागू करें। उन्होनें कहा ईज आॅफ डूइंग बिजनेस का उद्देश्य संबंधित कार्यक्षेत्र में अन्य राज्यों से उच्च श्रेणी प्राप्त करने के साथ-साथ आॅनलाइन अनुमोदन तथा निरीक्षण तंत्र में अभी उपयोग में आने वाली कागजी कार्यवाही को कम करना है, जिससे प्रदेश में उद्योग लगाने एवं संचालन हेतु संबंधित को कम से कम समय में वांछित अनुमोदन एवं स्वीकृति प्राप्त हो सके।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने यहां अपने सचिवालय एनेक्सी स्थित सभाकक्ष में कार्ययोजना से जुड़े 20 विभागों की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। बैठक में उद्योग बन्धु की अधिषासी निदेशक, सुश्री अलकनंदा दयाल सहित ऊर्जा, श्रम, आवास, औद्योगिक विकास प्राधिकरणों, नगर विकास, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। संबंधित विभागों को बिजनेस रिफाम्र्स एक्षन प्लान-2017 के अन्तर्गत इंगित किये गये 372 बिन्दुओं से संबंधित सुधारों को लागू किये जाने की जिम्मेदारी सौपी गयी है।
ज्ञातव्य है कि औद्योगिक नीति संर्वद्धन विभाग, भारत सरकार द्वारा सुझाये गये 372 सूत्रीय बिजनेस रिफाम्र्स एक्षन प्लान-2017 के अन्तर्गत ईज आॅफ डूइंग बिजनेस के माध्यम से श्रम विनियमन, श्रम प्रवर्तन, सम्पत्तियों का पंजीकरण, निरीक्षण, एकल खिड़की प्रणाली, भूमि उपलब्धता एवं आवंटन, निर्माण परमिटों, पर्यावरणीय पंजीकरण, यूटीलिटी परमिट, करांे के भुगतान आदि क्षेत्रों में इंगित सुधारों को लागू किया जाना है।