कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। सी० ओ० डी० पुल निर्माण कार्य में ठेकेदार पूरी तरह से असफल हो चुका हैं अतः अब विभाग को ही कार्य कराना होगा और पुल निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा प्रतिदिन समन्वयक उच्च विकास समिति नीरज श्रीवास्तव द्वारा की जायेगी। पुल निर्माण का कार्य एक माह में पूरा करना हैं ताकि जनता को जाम से राहत मिल सकें। जिलाधिकारी यह सुनिश्च्चित करें यदि कार्य में किसी प्रकार की ढिलायी मिले तो ठेकेदार के विरुद्ध एफ० आई० आर० करा दी जाये।
उक्त निर्देश मण्डलायुक्त मो० इफ्तेखारुद्दीन ने अपने शिविर कार्यालय में आयोजित सी० ओ० डी० पुल निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए दिये। उन्होंने समीक्षा में पाया कि जुलाई 2015 में निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन अभी तक पूरा नही हों पाया इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि पुल फोर लेन का तैयार होना हैं लेकिन जनता के हितो को देखते हुए दोनों तरफ से दो – दो लेन का पुल चालू करा दिया जाये, इसके लिये उन्होंने अधीक्षण अभियन्ता पीडब्ल्यू डी० नेशनल हाईवे ए० के० गुप्ता को निर्देशित किया कि वह पुल पर एवं लिंक रोड पर मिट्टी डालने का कार्य स्वयं कराये और जो भी खर्चा आये उसे ठेकेदार को दी जाने वाली रकम से काट लें ।
मण्डलायुक्त ने समीक्षा में पाया कि कानपुर की तरफ पुल पर एक स्पेन पड़ना है इसी प्रकार इलाहाबाद वाली साइड पर दो स्पेन पड़ना हैं इनमे डाले जाने वाले गर्डर तैयार हैं। पुल का ठेका 38.66 करोड़ रूपये का हुआ है और यह ठेका मेसर्स एस० एच० इन्फ्राटेक प्रा० लि० जगदीशपुर (अमेठी) द्वारा लिया गया है, और इसके एम० डी० शकील हैं। मण्डलायुक्त ने अधीक्षण अभियन्ता को यह भी निर्देशित किया कि मिट्टी डालने के कार्य में यदि डम्परो की कमी पड़ती है तो उनको बताये कही न कही से डम्परों की व्यवस्था करा दी जायेगी।
मण्डलायुक्त ने उपस्थित ठेकेदार के प्रतिनिधि को अवगत कराया कि यदि प्रशासन ने उनके विरुद्ध एफआईआर करा दी तो ठेकेदार को भविष्य में भारत सरकार एवं राज्य सरकार ठेके मिलना बन्द हों जायेंगे। उन्होंने ने यह भी कहा कि आप लोगों की कार्य प्रणाली ठीक नही हैं अतः कार्य प्रणाली में सुधार करें। उन्होंने समीक्षा में पाया कि ठेकेदार को कार्य के प्रारम्भ से पूर्व ही 15 प्रतिशत की धनराशि अग्रिम दी जा चुकी हैं तथा समय-समय पर निर्मित कार्यो का भुगतान भी हों चुका हैं फिर भी निर्माण कार्य में विलम्ब क्यों किया जा रहा हैं निश्चित रूप से ठेकेदार की ही लापरवाही हैं और ठेकेदार को इसकी सजा अवश्य मिलेंगी। जिलाधिकारी कानपुर नगर कौशल राज शर्मा ने मण्डलायुक्त को बताया कि पुल के निर्माण स्थल पर मिट्टी न पहुँचने से कार्य प्रभावित हो रहा हैं ठेकेदार द्वारा कभी भी उनसे मिट्टी खुदायी की अनुमति नही ली गयी हैं और विलम्ब के लिए ठेकेदार ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने मण्डलायुक्त को सुझाव दिया कि शेष कार्य पीडब्ल्यूडी नेशनल हाईवे से ही पूरा कराया जाये। ठेकेदार का कार्य आपराधिक कार्यवाही के अन्तर्गत आता हैं क्यों कि उन्होंने जनता के साथ अपराध किया हैं।
बैठक में जिलाधिकारी कानपुर नगर कौशल राज शर्मा, समन्वयक नीरज श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियन्ता नेशनल हाईवे पीडब्ल्यूडी ए० के० गुप्ता, अधिशाषी अभियन्ता नेशनल हाईवे पीडब्ल्यूडी वी० के० श्रीवास्तव तथा ठेकेदार के प्रतिनिधि के तौर पर राजेश सिंह उपस्थित थे।