पाकिस्तान अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। पाक लगातार सीजफायर और आतंकी हमले को बढ़ावा दे रहा है। वहीं, इसका खामयाजा भारत भुगत रहा है। हर रोज सीजफायर और आए दिन आतंकी हमले करता रहता है। क्या इसे रोकने का कोई उपाए नहीं है? हिन्दुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया जानता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का गोरख धंधा करता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि अभी तक पाकिस्तान आतंकी देश घोषित नहीं हो पाया है पर क्यों? तो हम आप को बता दें कि पाकिस्तान को कई देश सर्पोट करते हैं और यही वजह है कि पाकिस्तान अभी तक आतंकी देश घोषित नहीं हो पाया है। 28-29 सितंबर की दरम्यानी रात हुई भारत की सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान भूल गया है। लगता है कि पाकिस्तान फिर सर्जिकल स्ट्राइक मांग रहा है। और मुझे लगता है कि उसकी यह मांग को जल्द से जल्द पूरा कर देनी चाहिए। आप को बता दें कि पाक ने फिर आतंकी हमला करवाया है? जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में हुआ हमला पाक ने ही करवाया है। इस साल इस प्रकार की तीसरा बड़ा आतंकी हमला है। इसके पहले पठानकोट व उरी में भी आतंकियों ने सैनिक ठिकानों को निशाना बनाया था और अपनी पाकनीति, क्रूरता का परिचय दिया था। ताजा हमले से साफ है कि आतंकवादी भारतीय सैन्य ठिकानों पर धावा बोलने के अपने तरीके पर आगे बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान आतंकवाद का प्रयोग करके भारत में दहशत गर्दी फैलाने में लगा हुआ है। लेकिन पाकिस्तान यह भूल जाता है कि बाप-बाप होता है और बेटा-बेटा होता है। दर असल, यह पाकिस्तान सरकार और वहां के सैन्य-खुफिया तंत्र की रणनीति है, जिसे ये दहशतगर्द आगे बढ़ा रहे हैं। हम सब यह बखूबी जानते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद, दोगले पन को लेकर पूरी दुनिया में कुख्यात है। इनको तो घर में घुस कर मारना चाहिए जैसे पहले मारा था। तभी इन्हें फिर अपनी औकात का पता चलेगा।
आप को बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर के नगरोटा और चमलियाल में बीएसएफ के काफिले पर हमला किया गया था। इस हमले में 2 जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान भले ही भारतीय सेना सर्जिकल आपरेशन की आलोचना कर रहा हो लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2002 से जून 2016 तक पाकिस्तान की तरफ से करीब 11,270 बार सीजफायर उल्लंघन किया गया है. पाकिस्तान के साल 2002 से जून 2016 तक किए गए सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में करीब 313 भारतीय नागरिक मारे गए हैं जबकि 144 सेना के जवान शहीद हुए हैं. सबसे ज्यादा बार सीजफायर उल्लंघन साल 2002 में ही देखने को मिला था. तब एलओसी पर ऐसी 8376 घटनाएं देखने को मिली थीं. 2003 में ये आंकड़ा घटकर 2045 रह गया था. साउथ एशियन टेरेरिज्म पोर्टल के मुताबिक पाकिस्तान समर्थित आतंकी घटनाओं और घुसपैठ की घटनाओं में इस साल 20 नवम्बर 2016 तक हुए हमलों में 50 भारतीय सैनिक शहीद हो चुके हैं, जबकि 95 आतंकवादी मारे जा चुके हैं, ये पिछले 6 सालों में सबसे ज्यादा है. इससे पहले साल 2010 में 69 जवान मारे गए थे. इन आंकड़ों पर नजर डालें तो मोदी सरकार के आने के बाद से सीमा घुसपैठ की घटनाओं में कमी देखी जा रही थी लेकिन साल 2016 में पाकिस्तानी सेना के सपोर्ट में ये गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं. इसी के चलते भारतीय सैनिकों के शहीद होने की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. जम्मू एवं कश्मीर में सैन्य ठिकाने पर हुए भीषण आतंकी हमले ने जहां पाकिस्तान के ‘दोगले चरित्र’ को एक बार फिर उजागर किया है, इसी साल 2 जनवरी को पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के साढ़े आठ माह के अंतराल पर 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी सैन्य ठिकाने पर हुए इस हमले के बाद पूरा भारत एक मत से इन आतंकवादी घटनाओं की घोर निंदा कर रहे है. पठानकोट में 7 और उरी हमले इन 19 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. अभी पिछले दिनों 22 नवम्बर को संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा नियंत्रण रेखा के पार से किए गए हमले में तीन भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इनमें से एक के शव को क्षत-विक्षत कर दिया गया था. इसके बाद भारतीय सेना ने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भीषण जवाबी कार्रवाई की। तो क्या पाकिस्तान की आक्रामकता और एक भारतीय जवान के शव के साथ बर्बरता और भारत के द्वारा किये गए सर्जिकल हमलों का श्रेय लेने वाली सरकार को अब सीमा पर मौतों को रोक पाने में अपनी असफलता स्वीकार करनी चाहिए, या फिर भारत को जवाबी कार्यवाही सर्जिकल स्ट्राइक के द्वारा पाकिस्तान के नापाक हरकतों का करार जवाब देकर एलओसी पर शांति बहाल करने को मजबूर करना पड़ेगा।
एक बात आप को और बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा को नया सेनाध्यक्ष नियुक्त किया है. कश्मीर में सैन्य संचालन से जुड़े रहे बाजवा जनरल राहील शरीफ की जगह ली है। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा ने पदभार समालते हुए भारत को चुनौती दे दी है। उन्होंने कहा है कि भारत हमको हलके मे न ले और यह भी कहा कि भारत अपनी आदतों से बाज नहीं आया तो आगे इसका अंजाम बुरा होगा। आतंकवादियों ने विगत कुछ दिनों के शांति के बाद लाइन ऑफ कण्ट्रोल पर फिर आज फिर दहशतगर्दी दिखाई है, तो क्या ये माना जाए कि पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ बाजवा के ताजपोशी पर पाकिस्तानी आतंकवादियों के ओर से दी गयी सलामी है। आतंकवादी पाकिस्तान का कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा वरना ऐसे ही हमारे वीर सैनिक शाहदत की बली चढ़ते रहेंगे और उनके बच्चे अनाथ हाते रहेंगे। आप को बता दें कि जब से भारत के धुर विरोधी राहील शरीफ के कार्यकाल में सीमा पर गोलीबारी, घुसपैठ और आतंकी हमलों को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। अब एक बार फिर पूरा देश भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश और भातीय सेना के पराक्रम को देखने के लिए टकटकी लगाए बैठा हुआ है। देश कह रहा है कि मोदी जी पाक को फिर सर्जिकल स्ट्राइक चाहत है तो आप दे क्यों नहीं देते। अब देख है कि मोदी जी देश की आवाज सुनेगे। क्या फिर होगी सर्जिकल स्ट्राइक?