इलाहाबाद, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी सुहास एल0वाई0 ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त अपनी प्राथमिकता और कार्यशैली की प्रमुखता बताते हुये इलाहाबाद मीडिया से बातचीत की। इस परिचयात्मक बातचीत में जिलाधिकारी ने इलाहाबाद की सांस्कृतिक गरिमा और ऐतिहासिक गौरव को संरक्षित करने, इस जनपद में विकास की गतिविधियों को बढाने तथा पर्यटन मानचित्र पर इलाहाबाद को भारत के प्रमुख स्थानो में शामिल कराने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। जिलाधिकारी ने मीडियाकर्मियों के साथ निरंतर संवाद कायम रखने और जनसमस्याओं के सम्बन्ध में उनके सुझाव पर निरंतर अमल करते रहने का प्रभावी आश्वासन भी उनके माध्यम से इलाहाबाद की जनता को दिया। मीडियाकर्मियों के एक प्रश्न के उत्तर के रूप में जिलाधिकारी ने जन शिकायतों के निस्तारण की प्रशासनिक कार्रवाई को औपचारिकता के दायरे से ऊपर उठाकर उसे प्रभावी निस्तारण की सार्थक परिभाषा से जोड़ने की रणनीति विकसित करने का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक गौरव से परिपूर्ण इस जनपद का जिलाधिकारी बनाये जाने पर वे स्वयं भी गौरवान्वित हैं और इस जनपद के इस गौरव को और अधिक बढ़ाने में वे निरंतर प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यद्यपि पूर्वान्चल के कई जिलों का जिलाधिकारी रहने का अवसर मिला है, लेकिन इलाहाबाद के भौगोलिक प्रारूप एवं इसकी जागरूक मानसिकता और विकास की अन्य चुनौतियों के सापेक्ष सफलतापूर्वक कार्य करना उनके लिये एक नयी चुनौती की तरह है, जिसके लिये वे सदैव तत्पर रहेंगे और जनता को उपलब्ध भी रहेेंगे।
जिलाधिकारी ने मीडिया कर्मियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि इलाहाबाद के सर्वांगीण विकास में उनका प्रयास तभी सार्थक होगा, जब जनता और मीडिया के लोग भी उनके प्रयास को अपना प्रयास मानकर चलें और पूरे मनोयोग के साथ हर विकास के कार्य में जनसहभागिता के अपने उत्तरदायित्व को तत्परता से पूरा करें। उन्होंने मीडियाकर्मियों के कुम्भ सम्बन्धी व्यवस्था के सवाल पर यह कहा कि कुम्भ आयोजन के पूर्व माघ मेला में आयोजन में ही उसी स्तर पर व्यवस्थायें सम्पन्न कराना उनकी प्राथमिकता होगी तथा शासन की अपेक्षाओं के अनुरूप इलाहाबाद में दिव्य एवं भव्य कुम्भ का आयोजन सम्पन्न किया जायेगा।मीडियाकर्मियों के सवाल पर डीएम ने अपने प्रशासनिक अनुभव के बारे में बताते हुये कहा कि वे इलाहाबाद आने से पूर्व अपने सेवा अनुभव में सहायक जिलाधिकारी (परिवीक्षा) आगरा, उप जिलाधिकारी आजमगढ़, सीडीओ मथुरा तथा महाराजगंज, हाथरस, सोनभद्र, जौनपुर, आजमगढ़ में जिलाधिकारी के रूप में तथा विशेष सचिव आबकारी लखनऊ में.कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने अपनी व्यक्तिगत जानकारी मीडियाकर्मियों से साझा करते हुये यह भी बताया कि वे वर्ष 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं तथा मूलरूप से कर्नाटक के हासन क्षेत्र के रहने वाले हैं एवं उनकी प्राथमिक शिक्षा भी कर्नाटक में हुई है।
उन्होंने बताया कि कर्नाटक के सूरतकल से एनआईटी संस्था द्वारा कम्प्यूटर साइंस में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री उन्होंने हासिल की है। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सेवा में आने से पूर्व वे साफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में भारत एवं विदेशों में भी सेवारत रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुये कहा कि जनता और मीडिया के बीच उनके कार्यकाल में संवादहीनता की स्थिति नहीं होगी तथा वे हर सुझाव के लिये हर समय उपलब्ध रहेंगे। मीडियाकर्मियों से बातचीत करते करने के उपरान्त जिलाधिकारी संगम क्षेत्र स्थित उन घाटो में व्यवस्था का निरीक्षण करने निकल पड़े जहां छठपूजा के भीड़ भरे कार्यक्रम चल रहे हैं। जिलाधिकारी ने पुलिस अधिकारियों के साथ वहां व्यवस्थाओं का बारीकी से अध्ययन किया तथा अधिकारियों को यह हिदायत दी की पूजा आयोजन के दौरान किसी भी तरह की असुविधा घाट पर आने वालों को न हो।