हाथरस, जन सामना ब्यूरो। अपर जिला मजिस्ट्रेट रेखा एस0 चैहान वि0/रा0 ने बताया है कि नगर पालिका/नगर पंचायत के सामान्य निर्वाचन वर्ष- 2017 सुचारू संचालन के संम्बन्ध में दृष्टिगत कथप्य व्यक्तियों/राजनैतिक दलों द्वारा जनपद में धरना, प्रर्दशन एवं जुलूस निकालकर उन्माद उत्पन्न कर शान्ति एवं कानून व्यवस्था भंग की जा सकती है। उपरोक्त के दृश्टिगत जनपद हाथरस क्षेत्रान्तर्गत सम्भावित साम्प्रदायिक/राजनैतिक उपद्रव/उन्माद आदि प्रतिकूल विधि व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने तथा विभिन्न असामाजिक तत्वों व कटटरपंथियों द्वारा कुत्सित उददेश्य की प्राप्ति हेतु शान्ति एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले दुश्कृत्यों पर प्रशासनिक नियंत्रण की आवश्यकता विदित होती है, ताकि जनपद हाथरस में जन सामान्य के मध्य कोई अप्रिय घटना घटित न होने पाये। मैं संतुश्ट हॅू कि उपरोक्त के सम्बन्ध मं उक्त सम्भावित अवसरों पर प्राप्त सूचनाओं के अनुसार आम मानवजीवन, स्वास्थ्य या क्षेम को क्षति पहुॅचने, लोक शान्ति विक्षुब्ध होने तथा राजकीय कार्य में अनुचित बाधा उत्पन्न होने की सम्भावना स्पष्ट है तथा त्वरित निवारण हेतु प्रभावी कार्यवाही अमल में लाया जाना जनहित मं नितान्त आवश्यक है।
अतः अपर जिला मजिस्ट्रेट, हाथरस दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा- 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये दिनांक 28 अक्टूवर 2017 को जनपद हाथरस सीमा क्षेत्रान्तर्गत सर्व- साधारण पर तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित प्रतिबन्ध लागू करते हुये आदेश देती हॅॅूः-
कोई भी राजनैतिक दल अथवा कोई भी व्यक्ति अथवा किसी राजनैतिक दल का कार्यकर्ता कलैक्ट्रेट/मतगणना स्थल/अन्य सभी सार्वजनिक स्थल/सरकारी व अर्द्धसरकारी या अन्य कार्यालयों पर किसी भी प्रकार का आयुध/शस्त्र साथ नहीं ले जायेगा तथा लाउड स्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग किसी पूर्व प्रशासनिक अनुमति के बिना नहीं करेगा और न ही उत्तेजक भाषा में भाषण आदि देगाा न आम जनता/व्यक्ति को प्रेरित करने का प्रयास करेगा। इस अवधि में सभी प्रकार के जुलूस आदि प्रतिबिन्धत रहेगें तथा पारस्परिक मेले, विभिन्न आयोजन व सार्वजनिक प्रदर्शन आदि के लिये पृथक से प्रशासनिक अनुमति प्राप्त करना वांछनीय होगा।
कोई भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी अथवा राजनैतिक दल का कार्यकर्ता चुनाव आचार संहिता की अवधि तक कोई ऐसा कार्य नहीं करेगा जिससे विभिन्न जातियों और धार्मिक अथवा भाशायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढाए या घृणा की भावना उत्पन्न करें अथवा पैदा करे। कोई भी राजनैतिक दल अथवा कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की अफवाहें या खबरों को प्रकाशित नहीं करेगा या करायेगा और न ही इसके प्रसारण में सहायक होगा, जिससे आम जनता विभिन्न वर्गाे, सम्प्रदायांे के मध्य घृणा, द्वेश की भावना उत्पन्न हो अथवा शान्ति व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो।
कोई भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी अथवा राजनैतिक दल का कार्यकर्ता वे किसी व्यक्ति के शान्तिपूूर्ण और विघ्न रहित घरेलू जिन्दगी में दखल नहीं देगा। किसी भी व्यक्ति के विचारों अथवा उसके कार्यों का विरोध करने के लिये उसके घरों के सामने प्रदर्शन अथवा धरना किसी भी परिस्थिति में नहीं देगा तथा किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते एवं उसकी दीवार पर ध्वजदण्ड बनाने, ध्वज टाॅगने, पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने अथवा दीवार लेख बिना उसकी अनुमति उपयोग नहीं किया जायेगा। कोई भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी अथवा राजनैतिक दल का कार्यकर्ता द्वारा दूसरे दलों द्वारा आयोजित सभाओं, जुलूस आदि में बाधाएंे उत्पन्न नहीं करेगा तथा एक राजनैतिक दल के कार्यकर्ता अथवा उसके शुभचिन्तक के द्वारा दूसरे राजनैतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछकर या अपने दल के पर्चे वितरित पर्चे वितरित करके गडबडी पैदा नहीं करेगा।
कोई भी राजनैतिक दल किसी भी सार्वजनिक स्थल, अथवा मतगणना स्थलों के 100 मीटर की परिधि में ईंट, पत्थर तथा रोरे आदि मारने वाली वस्तुएंे एकत्रित नहीं करेगा।ं कोई भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी अथवा राजनैतिक दल का कार्यकर्ता किसी भी प्रकार का जुलूस एंव सभाऐं/रैली अथवा लाउडस्पीकर लगवाना चाहता है तो वह विधिवत रूप से मा0 सर्वाेच्च न्यायालय/मा0 उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देषों तथा षासन के दिषा निर्देषानुसार विधी सम्मत रूप से उप जिला मजिस्ट्रेट के यहाॅ आवेदन कर नियमानुसार अनुमति प्राप्त करेगा। इसमें यह अनिवार्य होगा कि उनके जुलूस/सभाऐं अथवा रैलियों के कारण किसी भी व्यक्ति के आवागमन के साधन जैसे- रेल, सड़क यातायात, रोडवेज, विद्युत व्यवस्था, जलापूर्ति आदि जैसे महत्वपूर्ण आवश्यक जनहित की सेवाओं में किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न नहीं होगा। आयोजकों द्वारा जो जुलूस की अनुमति प्राप्त की जायेगी वह नियत समय व स्थान से प्रारम्भ होकर नियत समय व स्थान पर समाप्त होना अनिवार्य होगा। इस कार्यक्रम में फेरबदल अथवा तत्काल समय व स्थान की अनुमति अथवा कोई फेरबदल अनुमन्य नहीं होगा।
कोई भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी अथवा राजनैतिक दल का कार्यकर्ता ऐसी कोई अलोचना/आरोप सार्वजनिक मंच पर नहीं करेंगे, जिससे उनके द्वारा लगाये गये आरोपों पर जिनकी सत्यता स्थापित न हो जो तोड मरोड कर कही गयी बातों पर आधारित हो तथा कोई भी राजनैतिक दल अथवा उसके कार्यकर्ता नेताओं के पुतले लेकर नहीं चल सकते और न ही उनकेा किसी सार्वजनिक स्थान पर जला सकते है ऐसे किसी भी प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी।
कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थल/मतगणना स्थल/होली पर बन्दूक, रायफल, पिस्टल, चाकू, तलबार, बल्लभ या विस्फोटक पदार्थ जैसे-तेजाब आदि लेकर साथ नहीं चलेगा और न ही अपने पास रखेगा। यह प्रतिबन्ध डयूटी पर तैनात राजकीय पुलिस कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। अपाहिज एंव नेत्रहीन व्यक्ति अपने सहरे के लियेे छडी रख सकते है।
कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थल/मतगणना स्थल पर पाॅच या पाॅच से अधिक व्यक्तियों का समूह नहीं बनायेगा और न ही ऐसे समूह में षामिल होगा। यह प्रतिबन्ध सरकारी अथवा गैर सरकारी डयूटी पर लगेे अधिकारियों/कर्मचारियों व पुलिस फोर्स तथा धार्मिक स्थलों एवं परम्परागत प्रार्थना सभाओं पर लागू नहंी होगा। कोई भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी अथवा राजनैतिक दल का कार्यकर्ता निर्वाचन के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित आर्दश आचार संहिता में दिये गये निर्देषों का उल्लघंन नहीं करेगा और न ही कराने के लिये प्रेरित करेगा। कोई भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याषी अथवा राजनैतिक दल का कार्यकर्ता सड़क पर न तो मंच बनाकर भाशण देगा और न ही सड़क को खोदकर स्वागत द्वार आदि नहीं बनायेगा। कोई व्यक्ति/पक्ष/संस्था अथवा राजनैतिक पार्टी ट्राॅली/ट्रेक्टर आदि रंगषाला का आयोजन आचार संहिता लागू रहने तक न ही करेगा और न ही करायेगा।
चॅूकि परिस्थितियां इस तरह की है कि व्यक्तिगत रूप से सभी को तामील कराया जाना सम्भव नहीं है। अतएव यह आदेष एक पक्षीय रूप से पारित किया जाता है जो दिनांक 28.10.2017 से 11.12.2017 तक प्रवर्तनीय रहेगा, जब तक कि इससे पूर्व इसे निरस्त न किया जाय। आदेष की प्रतिलिपि कलैक्ट्रेट मुख्यालय, मा0 जिला जज, पुलिस अधीक्षक एवं जनपद के समस्त कार्यालयों के सूचना पट पर जन सामान्य के दृश्टिगत प्रकाशित कराया जाय। यह आदेश आज दिनांक को मेरे द्वारा सतिथि हस्ताक्षर सहित जारी किया गया। उक्त आदेश का उल्लघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा- 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा