हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सादाबाद गेट स्थित धन्वन्तरि औषधालय में सम्पन्न हुये 164 वें मासिक कवि दरबार में कवियों ने काव्य रस धारा प्रवाहित की और कार्तिक पूर्णिमा, रास पूर्णिमा, देव दीपावली पर्व की शुभकामनायें प्रदान कीं। कवि दरबार का शुभारंभ वीणा पाणि मां सरस्वती जी की वंदना से हुआ। जिसे गीतकार कवि दिनेश राज कटारा द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसी क्रम में गीत-भावुक हूं, भावना से प्यार किया है, प्यार किया है, इकरार किया है भी सुनाया। केशवदेव सहयोगी-रूह-रूह में गुरूत्व से हैं जान सके तो जान, शब्द गुरू परमब्रह्म है करें सकल जग ज्ञान। राकेश रसिक-द्वारिका बारे कूं पत्र लिखत है रूक्मणि नार, देवठान कौं व्याह है। विष्णुदयाल बजाज-जन-जन को मंगलमय हो देव दीपावली, घर-घर खुशियों के दीप प्रकाश करें। पं. मनोज द्विवेदी-घर-घर शौचालय हो चले स्वच्छता अभियान, भ्रूण हत्या, दुष्कर्म रूके, हो मातृ शक्ति सम्मान। वैद्य मोहन ब्रजेश रावत-मानस मंदिर गूंज रहे हैं आज तुम्हारे जयकारे राम। जयप्रकाश शर्मा-कार्तिक पूर्णिमा, रास पूर्णिमा देव दीपावली पर्व है प्यारा, बृज देहरी पूजन, हाथरसी देवी मां का वंदन, हाथरस के इतिहास का जागरण, राष्ट्र धर्म हमारा। कवि दरबार में चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने भी काव्य पाठ किया। आभार रामवीर शर्मा व वैद्य मोहन ब्रजेश रावत ने व्यक्त किया।