Monday, November 25, 2024
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संतों की वाणी को आत्मसात कर रचनात्मक कार्यो से भाईचारा, राष्ट्रीय एकता, अखण्डता को करें मजबूतः राजनाथ सिंह

साध्वी निरंजन ज्योति ने कथा में प्रवचनों व वाणी से सभी को किया मंत्र मुग्ध
कानपुर देहात: जन सामना  ब्यूरो: देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मूसानगर स्थित अखण्ड परमधाम मंदिर स्थल में श्री स्वामी अच्युतानन्द शास्त्री जी महाराज के 25वें निर्वाण दिवस पर आयोजित 7 दिवसीय एक धार्मिक कथा एवं भक्ति योग संत सम्मेलन कार्यक्रम में उपस्थित होकर स्वामी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर आये संतो को माल्यार्पण किया तथा उनके विचार भी सुने। कार्यक्रम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केन्द्र सरकार की राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति तथा अन्य संतों द्वारा किये गये कथापाठ को भक्तिभाव व ध्यान पूर्वक सुना और कहा कि स्वामी अच्युतानन्द शास्त्री जी महाराज जी धार्मिक प्रवृत्ति के साथ ही उनमें मानवीय गुण भी कूट कूट कर भरे थे। उनकी वाणी आज के समय प्रसांगिक है आज के सामाजिक परिवेश में जब मानवीय मूल्य गौड़ होते जा रहे है ऐसे में मानवीय मूल्यो की सुरक्षा सुदृढता के लिए बुजुर्गो के विचारो व क्रिया कलापो को आत्मसात करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वामी अच्युतानन्द जी का जीवन दर्शन एवं सिद्धांतों को अमल में ला कर गरीबों का उत्थान करने व उनको आगे बढ़ाने की दिशा में आगे आये जिससे समाज व देश में अधिक उन्नति व समृद्धि आये। उन्होंने सबका साथ सबका विकास किस प्रकार हो इसका भी विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सभी धर्माे का सार मनुष्य में भाईचारा बढ़ाना व राष्ट्रीय एकता अखण्डता को मजबूत करना है। वहीं कार्यक्रम के दौरान अपने उद्बोधन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में संतों का शुरू से ही बड़ा योगदान रहा है। मानवीय मूल्यों और भाईचारें को संत को आसानी से सुदृढ़ करने में अपना योगदान रखते है। सत्तापर बैठे व्यक्ति संतो के अपेक्षा में कमजोर साबित हो रहे है संत मनुष्य को जोडने में व अपने विचारों से सदैव आगे रहे है। उन्होंने कहा कि संतों की वाणी को आत्मसात कर रचनात्मक कार्यो से भाईचारा, राष्ट्रीय एकता, अखण्डता को मजबूत करें।
साध्वी निरंजन ज्योति ने कथा में अपने प्रवचनों से सभी को मंत्र मुग्ध किया। रचनात्मक, सकारात्मक, शिक्षाप्रद कहानियांें से जीवन का सार मिलता है जिसे सभी को ग्रहण करना चाहिए तथा जिस स्थान पर भी होती हो उसे जरूर सुनना चाहिए। कथाओ, कहानियां से प्रेरणा मिलती है जिसे सभी को पढ़ना व सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अज्ञानता के कारण मनुष्य अचिन्त्य चिन्तन करता है मानवता से दूर होता जा रहा है बुद्धि तो मनुष्य के पास है लेकिन बुद्धि का उपयोग करने का प्रयोग नही करता है। मनुष्य के पास प्रज्ञा, विवेकशीलता, संवेदनशीलता के साथ ही मनुष्य से जुडने व उसकी समस्याओं का निराकरण का भी भाव होना चाहिए। इस मौके पर विनोद कटियार, जिलाध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री, श्याम सिंह सिसौदिया, राजेन्द्र सिंह चैहान, विजय सोनी, राजेन्द्र निषाद, अरविन्द शुक्ला, राघव अग्निहोत्री, सत्येन्द्र कुमार, एडीएम वित्त एवं राजस्व विद्याशंकर सिंह, एसडीएम राजीव पाण्डेय, सीओ, मनीष आदि सहित भक्तजनों ने भागवत कथा का रसपान किया। इस मौके पर चिकित्सकों की एक टीम डाक्टर सोनाली, आनन्द, अरसद खान, अजीत सिंह, मीरा तिवारी, आरती देवी आदि द्वारा निरंतर सर्तक रही। छोटी मोटी बीमारियों के मरीजों को भी निःशुल्क दवा देकर उन्हें लाभाविंत किया। भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण कर आत्मखुशी प्रकट की।