Monday, November 25, 2024
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भाजपा के लिए खतरा हो सकते हैं बाबा !

हेमलता त्रिपाठी
वैसे तो फिलहाल बाबा रामदेव की छवि एक कारोबारी की है जिनका पिछले कुछ सालों से एकमात्र लक्ष्य है हर्बल उत्पाद व उपभोक्ता वस्तुओं की अपनी कंपनी पतंजलि के मुनाफे को आसमान तक पहुंचाना।
बाबा इस कंपनी के ब्रांड एंबेसडर हैं और उनके करीबी सहयोगी बालकृष्ण इस कंपनी का संचालन करते हैं। पतंजलि उत्पादों के प्रचार के लिए योग गुरु अपने राजनीतिक संपर्कों का इस्तेमाल करने में माहिर हैं। यही कारण है कि कुछ ही वर्षों में यह कंपनी देश व विदेश की नामी-गिरामी कंपनियों को टक्कर देने लगी है। पर फिलहाल की बात अलग है। 
 सूत्रों के अनुसार पतंजलि ने देश के सभी छह लाख गांवों में शाखाएं खोलने वाली है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरह। शाखाएं भारत स्वाभिमान खोलेगा। गांवों में संघ की शाखाओं की तर्ज पर प्रस्तावि इन कैंपों में योग-प्राणायाम की ट्रेनिंग तो दी ही जाएगी। युवाओं को नैतिक शिक्षा का ज्ञान भी दिया जाएगा। इससे करोड़ों लोग जुड़ेंगे। पर इन शाखाओं के जरिए कहीं बाबा जी अपनी राजनितिक महत्वाकांक्षा तो नहीं पूरी करने वाले हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ समय पहले भाजपा शासित राज्यों से केंद्र के गरीब समर्थक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कहा था। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस सबक का मतलब यह निकाला कि पतंजलि के स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देना ही उनका गरीब समर्थक कार्यक्रम है। तब से पतंजलि के उत्पादों के प्रचार की ऐसी होड़ लगी कि असम, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा से लेकर छत्तीसगढ़ तक सभी भाजपा के मुख्यमंत्रियों का यह एकसूत्रीय अभियान बन गया। भाजपा शासित राज्य बाबा रामदेव के प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देने में जुटे हैं। पतंजलि ट्रस्ट को सस्ती दरों पर या मुफ्त में जमीन मुहैया कराई जा रही है, करों में छूट दी गई है और सबकुछ बीजेपी के स्वदेशी एजेंडे के नाम पर हो रहा है। पतंजलि के उत्पादों में वृद्धि को बाबा रामदेव ‘आर्थिक स्वाधीनता अभियान’ का नाम देते हैं। वे अक्सर अपने उत्पादों का प्रचार करने के लिए देशभक्ति व स्वदेशी का सहारा लेते हैं। विज्ञापन में पतंजलि लोगों से अपील करती है कि आप हमारे उत्पादों का उपयोग करें, जैसे करोड़ों देशभक्त कर रहे हैं। बाबा रामदेव चाहते हैं कि दूसरी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की चुनौतियों से निपटने के लिए उनके प्रॉडक्ट को हर राज्य में सरकारी प्रोत्साहन मिले। लिहाजा बाबा सरकार द्वारा विदेशी कंपनियों को प्रोत्साहन देने की नीतियों के कारण ‘मेक इन इंडिया’ की कई बार सार्वजनिक रूप से खिल्ली भी उड़ा चुके हैं। पर बाबा का बैनर भारत स्वाभिमान इन दिनों जो शाखाएं खोलने जा रहा है उसने जरूर भाजपा की नींद उड़ा दी है। भाजपा तो सोच रही थी कि बाबा जी उसके लिए फायदेमंद होंगे, उसका एजेंडा चलाएंगे। पर बाबा की खुल रही शाखाएं और उनके समर्थकों की फौज कहीं संघ की कब्र न खोद दें।