दूर दराज से आये लोगो ने की चादर पोशी
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। शहर से चार किलो मीटर दूर सोफीशाह की दरगाह पर आज दूसरे दिन सैकडों जायरीनों ने चादर चढाकर मन्नत मांॅगी। वही दूर दराज से आये जायरीनों ने दरगाह पर पहुच कर चादर पोशी की रश्म अता की।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शहर से बाहर यमुना नदी के किनारे बनी हजरत हमीदउद्दीन शाह सूफी रहमतुल्लाह का 797 वांॅ उर्स बडी धूमधाम से रविवार की सांय से शुरू हो गया। सोमवार को दूसरे दिन शहर के साथ-साथ दूर दराज से आये सैकडों जायरीनों ने दरगाह पर मत्था टेका वही चादर पोशी की रश्म अदा की गयी। जंगल में मंगल जैसा माहौल बना हुआ था। दरगाह के आस-पास के इलाके में चाट पकडों के साथ सामान खरीदने की दुकाने लगी हुई थी। वाहर से आये लोगो के रूकने की भी व्यवस्था प्रशासन के साथ उर्स कमेटी के लोगो की ओर से की गयी। निशुल्क चिकित्सा पानी, खाने की व्यवस्था भी रही। वही दरगाह की काफी समय से देखरेख करने वाले मौलबी नन्ने खां ने बताया कि हमारे पूर्वज इस दरगाह पर सूफी शाह की सेवा करते आये है। राजाचन्द्र सेन के शासन काल से इस दरगाह का नाम जुडा हुआ है। हिन्दू -मुस्लिम भाईचारे की एक मिशाल यह दरगाह है। शहर के साथ साथ अन्य शहरों प्रदेशाों से पाकिस्तान से भी लोग बीजा लेकर उर्स में शरीक होने आते है। इस दरगाह पर किसी ने भी मत्था टेका है। उसकी मुराद पूरी हुई है। लोग मुराद पूरी होने पर चादर पोशी के लिए आते है।