कानपुर देहातः जन सामना संवाददाता। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि रासायनिक उर्वरक भुगतान अब डीबीटी से होगा केन्द्र सरकार ने अगले साल एक जनवरी से 2018 से उर्वरक विक्रय पीओएस मशीन से अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए उर्वरक विक्रेताओं को पीओएस मशीन लगाने के लिए निर्देश भी दिये गये है कि जो पीओएस नही लेगा उसके लाइसेंस निरस्त कर दिये जायेगे माह अगस्त 2017 से पीओएस मशीनों का वितरण किया जा रहा है लेकिन अभी तक खुदरा उर्वरक के लिए सरकार ने प्रदेश में लीड फर्टिलाइजर्स सप्लायर मैसर्स आरसीएफ लि. को जिम्मेदारी दी है। जिला कृषि अधिकारी सुमित पटेल ने बताया कि जिले में 375 खुदरा उर्वरक विक्रेता है जिनमें से 167 को पीओएस मशीन बांटी जा चुकी है। कृषि अधिकारी ने बताया कि 25 दिसम्बर 2017 अंतिम तिथि है जिन्होंने पीओएस मशीन नही ली है उन्हें शासन की योजनाओं को सफल न बनाने का दोषी मानते हुए उनके लाइसेंस निरस्त कर दिये जायेंगे। जिसके लिए उर्वरक विक्रेता स्वयं उत्तरदायी होंगे साथ ही उर्वरक बिक्री प्राधिकार पत्र की शर्तो का उल्लंघन एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के उल्लंघन का दोषी माते हुए विधिक कार्यवाही भी की जायेगी।