हाथरस, जन सामना संवाददाता। एसओजी पुलिस टीम व कोतवाली सादाबाद पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही कर अवैध हथियार बनाने की अब तक की सबसे बडी तमंचा फैक्ट्री पकडी है और 2 लोगों को दबोचा है। पकडे गये लोग अलीगढ-आगरा मण्डल के जिलों के अलावा मध्य प्रदेश में भी असलाहों के सप्लाई भी करते थे। पुलिस इनका अब पूरा नेटवर्क खंगालने में जुट गई है। पुलिस कार्यालय पर आज उक्त अवैध असलाह बनाने वाली फैक्ट्री का खुलासा करते हुए पुलिस कप्तान दिलीप कुमार ने प्रेसवार्ता में पत्रकारों को बताया कि अपराधियों के खिलाफ अपर पुलिस अधीक्षक संसार सिंह व सीओ मनीषा सिंह के नेतृत्व में चलाये जा रहे अभियान के तहत एसओजी पुलिस टीम व कोतवाली सादाबाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए गांव मीरपुर में एक ट्यूबैल पर छापा मारकर अन्तर्राज्जीय अवैध असलाह तस्कर गिरोह पकडा है और भारी मात्रा में बने तमंचे, अधबने तमंचे व उपकरणों को बरामद किया है साथ ही गैंग के माफिया सहित 2 लोगों को दबोचा भी है। पुलिस कप्तान ने बताया कि पकडे गये लोगों में गैंग का माफिया पदम सिंह पुत्र जसवंत सिंह निवासी गांव मीरपुर कोतवाली सादाबाद व अजीत सिंह पुत्र ज्ञानसिंह निवासी काशीराम कालौनी सूत मिल चैराहा सारसौल थाना बन्ना देवी अलीगढ हैं। इनके कब्जे से 12 बने हुए तमंचा, कई अधबने तमंचा, पुर्जे व असलहा बनाने के तमाम उपकरण व सामिग्री बरामद की है।
पुलिस कप्तान दिलीप कुमार ने बताया कि पकडे गये दोनों आरोपी 15-20 साल से इस धंधे को कर रहे हैं तथा अवैध तमंचों की बिक्री अलीगढ, आगरा, मथुरा, एटा, हाथरस, बुलन्दशहर के अलावा मध्य प्रदेश में करते हैं और एक तमंचा 25 सौ रूपये में बेचते हैं। आरोपियों ने अन्य जिलों में चल रहीं अवैध तमंचा फैक्ट्रियों के बारे में भी बताया है। आरोपियों ने यह भी बताया कि एक तमंचा तीन सौ-चार सौ की लागत में तैयार हो जाता था। पुलिस कप्तान ने बताया कि आरोपी माफिया पदम सिंह एटा के जलेसर में भी अवैध 10 तमंचों के साथ पकडा गया था तथा दोनों ही आरोपियों पर कई मामले दर्ज हैं। उक्त कार्यवाही को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में एसओजी प्रभारी जगदीश चन्द्र, कोतवाली सादाबाद प्रभारी तेजवीर सिंह, एसआई के.पी. सिंह, अवधेश कुमार, एचसीपी रामशरण के अलावा एसओजी के सिपाही वीरेश कुमार, प्रेमनाथ, उपेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सिंह, कमरूद्दीन, संदीप राघव, नागेन्द्र सिंह, गिरीशचन्द्र, रमाकांत, सचिन शामिल थे तथा उक्त पुलिस टीमों को पुलिस कप्तान ने 5 हजार रूपये व डीआईजी ने 10 हजार रूपये के ईनाम की घोषणा की है।