Tuesday, November 26, 2024
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कल्याणकारी शिव पर अपनी बुराईयों का कर दो दान

हाथरसः जन सामना ब्यूरो। परमपिता परमात्मा शिव अपने नाम के अनुरूप ही मंगलकारी, अमंगल का नाश करने वाले हैं। वे जब धरा पर आते हैं तब अधर्म का नाश और सत्य धर्म की स्थापना का कत्र्तव्य पुनः आरम्भ हो जाता है। काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार रूपी अमंगलकारी विष को शिव बाबा को अर्पित करके उनसे ज्ञान रूपी अमृत का वरण करने से मनुष्य नर से नारायण बन सकता है। यह अभिव्यक्ति विष्णुपुरी कालोनी में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की अलीगढ़ रोड स्थित आनन्दपुरी कालोनी केन्द्र द्वारा संचालित गीतापाठशाला पर शोभायात्रा प्रभातफेरी और शिव ध्वजारोहण का संयुक्त कार्यक्रम के अवसर पर पथ प्रदर्शन के अवसर पर बी.के. शान्ता बहिन ने व्यक्त किये। इससे पूर्व शोभायात्रा का शुभारम्भ के तदुपरान्त प्रभातफेरी के सियाराम की बगीची पर स्थित शिव मंदिर से परमपिता परमात्मा शिव का प्रतीक ध्वज लेकर ब्रह्माकुमारी बहिनें तथा ब्रह्मावत्स तथा मनोरमा पब्लिक स्कूल के बच्चे  ‘‘शिव का झण्डा ऊँच महान, शिव का सदा होगा सम्मान, सर्व का पिता वो शिव भगवान, शिव का ज्ञान करे कल्याण, शिव पर करके व्यसनों का दान, बन जाओ अब देव समान, इंच की बीड़ी है यही मौत की सीढ़ी है तथा गीतों की सुमधुर ध्वनि के मध्य ’’ के नारे लगाते हुए तथा राधाकृष्ण की छवि बनाये तथा परमात्मा शिव का ज्योतिर्लिंगम लिये विष्णुपुरी की गलियों में से निकले तो लोगों का ध्यान सहज ही उनकी तरफ आकर्षित हो उठा।विष्णुपुरी में रामेश्वर दयाल के निवास पर शिवध्वजारोहण, स्वागत का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रामपुर से पधारीं बी0के0 मीना बहिन ने कहा कि शिव की वाणी अमृतवाणी है जिसे सुनने वाले हर प्राणी मुक्ति और जीवनमुक्ति का वरदान प्राप्त कर लेते हैं।  सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नन्हीं बालिकाओं नैन्सी, तृप्ति ने आने वाले होली पर्व के ऊपर ‘‘जो मोसे न खेली होरी’’ पर भावनृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के बाद प्रसादी वितरित की गई।  इस अवसर पर रामपुर केन्द्र से पधारी बी.0के0 मीना बहिन, बी0के0 यशोदा बहिन, पुष्पा बहिन, मनोरमा बहिन, शकुन्तला बहिन, नूतन बहिन,  पन्ना लाल शर्मा, राजकुमार, सीयाराम,  गजेन्द्र भाई, सीमा बहिन, प्रेम बहिन, सीमा बहिन, नूतन, मनोरमा,पूजा, मुन्नी, विमला, गीता , मंजू, कलावती, रामप्यारी माता, ममता माता, रश्मि बहिन, अनीता बहिन, ओमवती बहिन, चरन सिंह भगवती बहिन, परमेश्वर भाई, रामेश्वर भाई, बसन्त लाल शर्मा सहित गीतापाठशाला की नियमित समस्त मातायें आदि उपस्थित थे।