सासनी, हाथरसः जन सामना ब्यूरो। इतवार की शाम आई अचानक तेज आंधी और ओलावृष्टि के कारण किसान के साथ आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। अचानक चली तेज ठंडी हवा के कारण अस्वस्थ लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पडा। वहीं किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई। किसानों की हजारों बीघा बर्वाद हो गई। बता दें कि कई दिन से मौसम का मिजाज गर्म था, मगर होली का त्यौहार निकल जाने के बाद मौसम ने एक बार फिर पलटी मारी और अपना कहर बरपा दिया। जिससे खेतों में खडी गेहूं की हजारों बीघा फसल बिछ गई। इससे किसानों की चिंता और बढ गई। किसानों ने बताया कि पहले ही उनके ऊपर बैंक एवं साहूकारी का कर्ज था। अब फसल बर्वाद होने से वह कर्ज भी चुकाने में काफी परेशानी का सामना करेंगे। गांव लढौटा के किसान रामप्रकाश नगाईच ने बताया कि उन्होंने करीब 40 बीघा गेहू और करीब 70 बीघा आलू की फसल की थी। जिसमें आलू की खुदाई चल रही थी। अचानक आई आंधी और ओला वृष्टि से उनके खुदे हुए आलू प्रभावित हो गये। तथा गेहू की फसल खेतों में बिछ गई। जिससे उनका हजारों रूपये का नुकसान हो गया। इसी गांव के किसान भीकमपाल सिंह ने बताया कि करीब तीस बीघा गेहूं और 100 बीघा अलू किए थे। इस ओलावृष्टि के कारण उन्हें भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा अन्य किसानों ने भी अपनी समस्याएं बताई। वहीं गांव रूदायन के राजकुमार व अशोक कुमार ने बताया कि उनकी करीब चालीस बीघा गेहूं की फसल थी। जिसे देखने में लगता था कि इस बार अच्छी पैदावार होनी थीं मगर ओलावृष्टि के कारण अब उनकी फसल अच्छी नहीं होगी। तथा बैंक से लिया कर्ज भी नहीं चुका पाऐंगे। इसके लिए किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।