सासनी, जन सामना संवाददाता। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद बैंकों के बाहर लोगों की लगी लाइन समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। वहीं किसानों को इस नोटबंदी को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव कौमरी में स्थित ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावत में किसानों को नोटबंदी से लेकर आज तक रुपया नहीं मिला है। जिससे किसानों के सामने फसलों में खाद आदि लगाने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि वह करीब एक महीने से बैंक आते हैं और कैश न होने के कारण पूरे दिन लाइन में लगने के बाद खाली हाथ अपने घर लौट जाते हैं। ग्रामीणों का अरोप है कि बैंक में चाय बेचने वाला युवक लोगों से साठ गांठ कर अंदर जाता है और वहां से रुपये लेकर लोगों को बांट देता है। जो किसान चाय वाले को कमीशन नहीं देते उन्हें पैसा नहीं मिल पाता है। बैंक अधिकारियों कर्मचारियों से शिकायत करने के बाद भी चाय बेचने वाले द्वारा बैंक में कमीशनखोरी का काम जोरों से है। ग्रामीणों का अरोप है कि बैंक मैनेजर लोगों को कैश न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। मगर कमीशन देने वालों को चुपचाप रुपया थमा देते हैं। ग्रामीणों को बैंक मैनेजर के इस रवैये से काफी परेशानी हो रही है। रुपया न होने के कारण उन्हें फसलों के लिए खाद आदि लाने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है जिससे उनकी फसलों के खराब होने का अंदेशा बना हुआ है। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से बैंक मैनेजर और कर्मचारियों के रवैये के सुधारने बैंक में कैश समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।