इंदौरः जन सामना ब्यूरो। किसी व्यक्ति की सहजता, समझ और गंभीरता क्या होती है इसे परखना हो तो कल्पेश विजयवर्गीय सबसे सही व्यक्ति हैं। उनकी सौम्यता, सरलता और समाजसेवा के प्रति उनकी गंभीर लगन अद्भुत है। उनके सहज व्यवहार में उनके वे संस्कार और उनसे मिली सीख झलकती हैं, वो सीख जो उन्हें परिवार से मिली हैं। विदेश से उच्च शिक्षित होने के बाद भी उनमें ऐसा कोई भाव नहीं कि वे यहाँ की शिक्षा कमतर आंकते हों! अपनी जमीन, अपने शहर और अपने परिवेश के प्रति उनका स्नेह और प्रतिबद्धता अक्षुण्ण है। अपने सामाजिक दायित्व के अलावा कल्पेश विजयवर्गीय अपने काम के प्रति भी लगनशील हैं और उनकी लगन स्पष्ट दिखती भी है।
देश और समाज के प्रति उनकी लगन, तत्परता और आसान उपलब्धता की वे सभी प्रशंसा करते हैं, जो उन्हें नजदीक से समझते हैं। नए जमाने के युवा होते हुए भी उनकी व्यावहारिकता, गर्मजोशी से मिलने का ढंग और मित्रों का बड़ा दायरा उनके व्यक्तित्व का खुला आईना है। आज के इस दौर में जब युवा अपने संस्कारों के प्रति बिल्कुल गंभीर दिखाई नहीं देते और न समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझते हैं, कल्पेश विजयवर्गीय को इस सबसे ओतप्रोत माना जा सकता है। उनके साथ परिवार की जो समाजसेवी वाली पहचान जुडी है, उसका वे पूरा ध्यान रखते हैं और कोशिश करते हैं, बरसों से बनी उस पहचान को नई ऊंचाइयां मिले!
समाजसेवा के प्रति अपने दायित्व को निभाने के साथ-साथ कल्पेश विजयवर्गीय विदेश में ली शिक्षा से मिले ज्ञान का भी पूरा सम्मान करते हैं। उन्होंने पारिवारिक समृद्धता को कभी अपनी प्रगति का आधार बनाना नहीं चाहा। यही कारण है कि वे खुद अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने अपने कुछ व्यापारिक सोच वाले मित्रों के साथ मिलकर इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का व्यापार शुरू किया हैं। उनके इस व्यापार का दायरा धीरे-धीरे बहुत विस्तारित होता जा रहा है। ये सफलता काम के प्रति उनके लगन का प्रतीक है। आज के शिक्षित और जिम्मेदार युवा की तरह वे भी कुछ नया करना चाहते हैं। लेकिन, वे अपने व्यापार के साथ-साथ अपने समाज और परिवेश को भी लेकर चलना चाहते हैं और वही वे कर भी रहे हैं।