कानपुर, चंदन जायसवाल। आज के युग में नारी पुरुष के मुकाबले अब कमजोर नहीं है, अत्याचार के विरुद्ध वक्त आने पर समाज की कुरीतियों और हैवानों से लड़कर अपना हक छीनने वाली बहादुर बेटियों में नगर के मध्यम परिवार की रहने वाली साक्षी का नाम भी आपके सामने है। जिसने 2006 में अपने साथ हुए यौन अत्याचार के विरुद्ध संघर्षमय जीवन के साक्षियों द्वारा सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से आप बीती जीवनी पर आधारित डॉक्यु मेंट्री फिल्म ’’मै साक्षी हूँ’’ की सीडी का विमोचन आज मर्चेंट चेंबर हाल प्रेक्षागर में नगर के गणमान्य नागरिको की मजूदगी में संपन्न हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे इंद्र मोहन रोहतगी ने कहा की यह फिल्म जनमानस के लिए सबक है जो एक पीड़ित लड़की द्वारा सड़क से लेकर न्यायालय तक संघर्ष के सफर तक यौन शोषण करने वाले समाज के एक पुलिस अधिकारी द्वारा अत्याचार के विरुद्ध लड़ने वाली बहादुर बेटी के संघर्ष की दास्ताँ है। जो नारी शक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य रूप से सहयोगी रूप में नुक्कड़ नाट्यकार संजीवा एवम् अजित शुक्ल, नरेश त्रिपाठी, कुलदीप बाबा, पंकज अग्रवाल, पवन दीक्षित, डॉ सपना गुप्ता, धनीराम बौद्ध आदि सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।