हाथरसः जन सामना संवाददाता। हैदराबाद में 11 साल पहले मक्का मस्जिद बम विस्फोट मामले में तत्कालीन केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने स्वामी असीमानन्द सहित 10 हिन्दूओं को झूंठा फंसाकर व आरोपी बनाकर अल्पसंख्यक समुदाय को खुश करने का काम किया और हिन्दू आतंकवाद का नारा दे दिया। कल कोर्ट ने स्वामी असीमानन्द सहित अन्य लोगों को निर्दोष करार दे दिया और कहा कि इन पर लगे सभी आरोप झूंठे हैं। अदालत का निर्णय आने पर आज हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आये और जमकर नारेबाजी की तथा कांगे्रस मुर्दाबाद, राहुल गांधी मुर्दाबाद, सोनिया गांधी मुर्दाबाद के नारे लगाये और मंडी समिति के गेट पर कांग्रेस का पुतला फूंका।
इस अवसर पर हिजमा के प्रदेश मंत्री अभिषेक रंजन आर्य ने कहा कि मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में सोची समझी साजिश के तहत हिन्दू समाज के नेताओं को झूंठा फंसाया गया और हिन्दू आतंकवाद का नाम तत्कालीन गृहमंत्री शिवराज पाटिल और सुशील कुमार शिंदे द्वारा दिया गया और पूरे विश्व में हिन्दू समाज के नाम को बदनाम और हिन्दूओं को आतंकवादी बताकर अपमानित किया गया। अदालत के निर्णय ने कांग्रेस के झूंठ का पर्दाफाश कर दिया। अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी क्या हिन्दू समाज से माफी मांगेंगे।
हिजाम के जिलाध्यक्ष मनोज उपाध्याय ने कहा कि स्वामी असीमानन्द सहित अन्य निर्दोष लोग सालों जेल में रहे। उनके जेल में रहे समय की भरपाई कांग्रेस कैसे करेगी। क्या कांग्रेस अध्यक्ष इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये स्तीफा देंगे। वीरागंना वाहिनी की जिलाध्यक्ष श्रीमती आशा ठाकुर ने कहा कि आजादी के बाद से ही कांग्रेस की नीति हिन्दू विरोधी रही है। हिन्दू समाज पर अत्याचार करने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। हिजाम युवा वाहिनी के नगर अध्यक्ष विजय पंडित ने कहा कि हिन्दूओं को आने वाले चुनावों में कांग्रेस जैसी हिन्दू विरोधी पार्टी को सबक सिखाने की आवश्यकता है और हिन्दू समाज इस अपमान का बदला जरूर लेगा। हिजाम के जिला उपाध्यक्ष नरेन्द्र प्रेमी एवं युवा वाहिनी के जिला महामंत्री गगन सेंगर ने कहा कि अदालत के इस निर्णय से हिन्दू आतंकवाद का नारा देने वाले लोगों का मुंह काला हो गया है और यह स्पष्ट हो गया है कि हिन्दू आतंकवादी नहीं हो सकता।
इस अवसर पर हिजाम के विभाग संयोजक संजय सिन्हा, ठा. देवेन्द्र सिंह, रमन पंडित, अवधेश श्रोती, गोविन्दा पहलवान, अनन्त सोलंकी, नरेश वाष्र्णेय, संजू कुशवाहा, विनोद दिवाकर, सुरेश कश्यप, मनोज कुशवाहा, अखिलेश गौतम, पूरन पहलवान, शिवशंकर गुलाठी, बंशी पंडित, शोभित उपाध्याय, मोरमुकुट वर्मा, शिवम् शर्मा, बबलू रावत सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।