Saturday, November 23, 2024
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दूसरों को देखकर न छोड़ें सत्य का मार्ग-सत्यानंद महाराज

2016-12-21-03-ravijansaamna
श्रीमद्भागवत कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं की भीड़।

महारास का गलत मतलब निकाल रहा समाज
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। अखिल भारतीय सोहम महामण्डल शाखा फिरोजाबाद के तत्वावधान में चल रहे विराट सन्त सम्मेलन, गायत्री महायज्ञ एवं श्रीमद्भगवत कथा के छठवें दिन पं. रामगोपाल शास्त्री ने भगवान की महारास लीला का सचित्र वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास लीला कोई काम लीला नहीं है। इसका मतलब भक्त और भगवान का मिलन है। आज का समाज महारास का गलत मतलब समझता है। बड़े ही दुर्भाग्य की बात है आज हम अपने ही धर्मग्रंथों का अपमान कर रहे हैं। श्रीमद्भागवत कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण और रूक्मिणी विवाह की सुंदर झांकी निकली जिसे देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये। रसिक भजनों पर भक्तजन भावविभोर हो गये। प्रवचन की श्रंखला में अखिल भारतीय सोहम महामण्डल के परमाध्यक्ष स्वामी सत्यानन्द महाराज ने कहा कि यदि हम सत्य की राह पर हैं और कष्टों का सामना कर रहे हैं लेकिन आपका कोई प्रिय व्यक्ति अनीति, अधर्म और खोटेकर्म करने के बावजूद भी संपन्न है। सुविधाओं से मालामाल है तो उसे देखकर अपना मार्ग न छोड़े। उन्होंने कहा कि शिष्य या पुत्र को ज्ञान देना माता पिता व गुरू का कर्तव्य है लेकिन बिना विवेक और समृद्धि के ज्ञान विनाश का कारण बनता है। स्वामी शिवचेतन, स्वामी शुकदेवानन्द, स्वामी ज्ञानानन्द महाराज, स्वामी अनन्तानन्द, स्वमी निगमानन्द, स्वामी नारायणानन्द, स्वामी प्रीतमदास आदि संतों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।