Saturday, November 23, 2024
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मगर तुम वफाऐं मेरी भूल जाते हो क्यूं

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हजरत शाह सूफी रह के उर्स में आयोजित मुशायरे की शमां रोशन करते हुये डा. शमीम अहमद खां।

फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। उत्तर भारत का मशहूर उर्स हजरत हमीदुदीन शाह सूफी रह. का 797वां उर्स मुबारक बड़ी शानौ शौकत से मनाया जा रहा है। उर्स के पहले दिन अजीमुश्शान साहित्यिक मुशायरे का आायेजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मेला प्रशासक जनाब अब्दुल लतीफ साहब ने की। मुशायरे की शमा रोशन मेला कमेटी अध्यक्ष जनाब डा. शमीम अहमद खां साहब ने की एवं मुख्य अतिथि जनाब लालता प्रसाद तिवारी तहसीलदार फीरोजाबाद थे।
इस साहित्यिक मुशायरे में दूरदराज से आये शायरों, रचनाकारों ने अपने कलाम से श्रोताओं को दाद देने पर मजबूर कर दिया। मुशायरे का शुभारम्भ नाते पाक से हुआ। जिसमें कलीम नूरी पैकर एवं हाफिज अरशद ने शाने रसूल की शान में रचनायें पेश कर सवाव हासिल किया। उसके बाद बहारिया दौर में हाफिज उस्मान ने यूं कहा याद रखते हो मेरी खताएं मगर तुम वफाऐं मेरी भूल जाते हो क्यूं। मशूहर शायल कलीम नूरी, सालिम शुजा, मुशायरा संयोजक असलम अदीब, जीरो बादवी मन्जर नबाव, इरफान साहिल, हाजी ऐजाज ने मुशायरा किया। मेला अध्यक्ष डा. शमीम अहमद खान ने कहा कि आज के मुशायरे से पब्लिक में अच्छा संदेश जायेगा। उन्हांेने कार्यक्रम की सफलता के लिये संयोजक असलम अदीब को मुबारकबाद पेश की। कार्यक्रम में सहयोग करने वालों में जनाब मोहम्मद नईम, मुसद्दक हुसैन, मुश्ताक अम्बर, गुफरान अहमद, मन्जर अहमद, मो. साबिर, मो. असलम, सुखदेव यादव, संजय, पवन, मोहम्मद साबिर आदि रहे। संचालन इरफान साहिल ने किया।