Sunday, November 24, 2024
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राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह से गंभीर व संवेदनशील: मंजू दिलेर

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में भारत सरकार के समाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य मंजू दिलेर ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि सफाई कर्मचारियों के प्रति राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग व सरकार पूरी तरह से गंभीर है। इसके अलावा सफाई कर्मचारियों में गरीब व निर्धन के साथ ही अनुसूचित व पिछड़े वर्ग के अधिक है अतः विभाग के अधिकारी सभी सफाई कर्मचारियों तथा उनके परिजनों के समस्याओं के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील व गंभीर रहे। उन्होने अधिकारियो से कहा कि सफाई कर्मचारियों की समस्याओ को पूरी गंभीरता के साथ सुना जाए इसके निर्देश दिये है। किसी भी दशा मे कोई भी प्रकरण लम्बित न रहे। उन्होने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा आमजन के लिए अनेक लाभपरक व कल्याणकारी अनेक क्रान्तिकारी योजनाएं चलायी जा रही है जिसका अधिकारी लाभ आमजन तक पहुचाएं। सरकार व आयोग का उद्देश्य है कि सरकारी योजना व उसका लाभ समाज के निचले स्तर तक अवश्य जाये। सफाई कर्मचारी का कोई अधिकारी व अन्य उत्पीडन करता है उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये। यदि कहीं ऐसा है तो उससे जिला प्रशासन को तत्काल संज्ञान में लेकर विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये है।
उन्होंने बताया कि यूपी में सबसे अधिक गंदा काम करने वाले लोगों को चिन्हित किये गये है इसी लिए उत्तर प्रदेश में 47 जिले में पुनः सर्वे किया जा रहा है जिसमें अमानवीय कृत्य प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करना जिसमें कानपुर देहात जनपद भी है। सर्वे पूरी तरह से पारदर्शी रहे। सिर पर मैला ढोना, खुले नाले की सफाई करने वालों को भी अमानवीय कृत्य माना गया है। अमानवीय कृत्य को समाप्त करने तथा स्वच्छ भारत मिशन देश को स्वच्छ बनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री अभियान के रूप में या आन्दोलन चला रहे है। जिसमें सफाई कर्मचारी रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य कर रहे है। समस्त अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका नगर पंचायत, डीपीआरओ आदि को निर्देश दिये है कि सफाई कर्मचारियों के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील रहे उनके हक को किसी भी प्रकार से न मारे तथा सरकार की मशा के अनुरूप उन्हें लाभ पहुंचाये जो सफाई कर्मचारी वेतन ले रहे है तथा सफाई के लिए नही जा रहे है उनके प्रति नियमानुसार कार्यवाही हो। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने जो सफाई कर्मचारियों तथा उनके परिजनों के लिए उनके अधिकारों का हनन न हो उन्हें पूरा लाभ मिले जो गाइडलाइनस दिये गये है उनके अनुसार कार्य किया जाये। श्रम विभाग द्वारा यह तह हो गया है कि सफाई कर्मचारियों, संविदा, आउटसोर्सिंग आदि को 292.82 पैसा पीपीएफ है जिसका लाभ उसे अवश्य मिलना चाहिए। उच्च विभागीय अधिकारी नियमों की जानकारी कर कार्यवाही में किसी भी प्र्रकार की शिथिलता न बरते सफाई कर्मचारियांे के जो पात्र हो उनको पदोन्नति की भी कार्यवाही की जाये जिन महिलायें प्रसूती से संबंधित है उन्हें प्रसूती अवकाश दिये जाये। ईओ को निर्देश दिये कि सभी कर्मचारियों का पीपीएफ डाटा एकत्र कर उसको आयोग को भेजे। ईओ, सीएमओ, डीपीआर को निर्देश दिये है कि सफाई कर्मचारियों का समय समय पर स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही जागरूकता संबंधी जागरूकता दे। पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये कि सभी थानों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों का नियमानुसार वेतन दिया जाये तथा उनके किसी भी प्रकार का दबाव या उत्पीडन न हो यह देख ले। प्रेसवार्ता व समीक्षा बैठक के दौरान एक सफाई कर्मचारी महिला ने अपनी शिकायती प्रार्थना देते हुए कहा कि उसका डीपीआरओ कार्यालय स्तर से उत्पीडन हो रहा है उसका तीन माह का वेतन रोकरने के साथ ही उसका स्थानान्तरण भी दूर किया गया है। इस पर सदस्य ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वह अपने स्तर से प्रकरण को देख ले तथा निस्तारण करें। उन्होने डीपीआरओ को निर्देश दिये कि उनके कार्यालय द्वारा सफाई कर्मचारी का उत्पीडन किस स्तर से हो रहा है इसकी जांच कर कार्यवाही करें। इस मौके पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक रतन कान्त पाण्डेय, सीडीओ केदारनाथ सिंह, एडीएम एफआर विद्याशंकर सिंह, एडी सूचना प्रमोद कुमार सहित बडी संख्या में पत्रकार बन्धु उपस्थित रहे।