राजस्थान की जल संरक्षण परम्पराएं समूचे देश में प्रसिद्ध तथा प्रेरणास्पद -डाक निदेशक केके यादव
जोधपुर, राजस्थान, जन सामना ब्यूरो। जल बुनियादी मानवाधिकार है और इसके बिना धरती पर जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती। यदि हमने इसे आज से ही नहीं सहेजना आरम्भ किया तो कल सिर्फ आँखों में पानी बचेगा। ऐसे में जनसहभागिता के द्वारा इस ओर अभी से सोचना होगा। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने श्इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन की जोधपुर शाखा के रजत जयन्ती वर्ष पर विशेष आवरण (लिफाफा) एवं विरूपण जारी करते हुए कहा।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि राजस्थान की जल संरक्षण परम्पराएं समूचे देश में प्रसिद्ध हैं तथा प्रेरणास्पद भी हैं। ऐसे में युवा पीढ़ी को जल-संग्रहण की विरासतों से जोड़ने हेतु ही हाल ही में डाक विभाग ने राजस्थान की 6 बावड़ियों सहित देश की 16 प्राचीन बावड़ियों पर डाक टिकट भी जारी किये हैं। श्री यादव ने कहा कि ’इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन’ की जोधपुर शाखा ने जल संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हुए लोगों को इस ओर प्रेरित किया है, ऐसे में इस पर जारी विशेष आवरण इसके महत्त्व में और भी अभिवृद्धि करेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सम्पत राज वडेरा, निदेशक रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर ने कहा कि ने कहा कि जल का संरक्षण एवं किफायती उपयोग आगामी समय के लिए बहुत जरूरी है। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है पर देश का मात्र 1.01 प्रतिशत जल ही इस प्रदेश में उपलब्ध है। ऐसे में यहाँ के वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों से आशा की जाती है कि वे नवीन तकनीकों की खोज कर राजस्थान के भूजल में व्याप्त फ्लोराइड एवं नाइट्रेट विषाक्तता को दूर करने के आर्थिक दृष्टि से उपादेय तरीके इजाद करें। इसमें सरकारी विभागों के साथ-साथ इस क्षेत्र में कार्य कर रहे संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
होटल श्रीराम एक्सेलेंसी, जोधपुर में आयोजित रजत जयन्ती कार्यक्रम के आरम्भ में इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन की जोधपुर शाखा के अध्यक्ष इंजी. के. एम. एल. माथुर ने केन्द्र के उद्देश्यों, गतिविधियों, अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के बारे में प्रकाश डाला तथा आगुन्तक अतिथियों का शब्दों एवं पुष्पों से स्वागत किया। रजत जयन्ती समारोह के संयोजक डॉ. डी. डी. ओझा ने अपने उद्बोधन में कहा कि आई.डब्ल्यू.डब्ल्यू.ए. के 34 केंन्द्रों में मात्र जोधपुर ही एक ऐसा केन्द्र है जिसने जल की शिक्षा विद्यार्थियों एवं जनमानस को सरल भाषा में देकर उन्हें लाभान्वित किया है। इस केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष स्थानीय विद्यालयों में जल के विभिन्न विषयों पर प्रतियोगिताएं आयोजित कर बच्चों के ज्ञान में अभिवृद्वि की जाती है।
इस अवसर पर जोधपुर केन्द्र के विगत 25 वर्षों तक निरंतर सहयोग करने वाले इंजीनियर, वैज्ञानिक, भामाशाहों तथा कार्मिकों को सम्मानित भी किया गया और एक स्मारिका भी जारी की गई। जोधपुर केन्द्र के देश के लब्ध प्रतिष्ठ वरिष्ठ विज्ञान संचारक एवं वैज्ञानिक डॉ. डी. डी. ओझा को हिंदी में 60 पुस्तकें प्रकाशित करने पर ‘‘आजीवन वैज्ञानिक उपलब्धि पुरस्कार’’ से नवाजा गया। कार्यक्रम के अंत में इंजीनियर आर. के. विश्नोई ने आभार ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में जोधपुर मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक ओपी सोडिया, सीनियर पोस्टमास्टर जी. एस. शेखावत, सहायक अधीक्षक सुदर्शन सामरिया, विनय खत्री, ओपी चांदोरा, विजय सिंह सहित तमाम इंजीनियर, वैज्ञानिक तथा उद्योगपतियों ने भाग लिया।
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