फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। अखिल भारतीय सोहम महामण्डल शाखा फिरोजाबाद के तत्वावधान में चल रहे विराट सन्त सम्मेलन व गायत्री महायज्ञ और श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस में श्रोताओं को संबोधित करते हुये पं. रामगोपाल शास्त्री ने सुदामा चरित्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारी छोटी छोटी भूल ही हमारी दरिद्रता का कारण बन जाती है। हम उन पर ध्यान नहीं देते। जैसे सुदामा ने भगवान के भाग के चनों को खा लिया। इस लिये उन्हें दरिद्र होना पड़ा। हमें भी किसी व्यक्ति का हिस्सा नहीं लेना चाहिये। हम जो भी कमाते हैं उसमें कई लोगों का भाग होता है और हम उनके भाग पर ध्यान नहीं देते, उन्हें भाग नहीं देते। इसलिए हमारे जीवन में कष्ट आते हैं। आगे कहा जीवन में अगर सुखी होना चाहते हो तो किसी के भाग को मत लो। अखिल भारतीय सोहम महामंडल के स्वामी सत्यानन्द महाराज ने बताया कि जो व्यक्ति भगवान की भक्ति में सम्पूर्ण रूप से समर्पित हो जाता है तो भगवान भी उसकी हर इच्छा हर काम का भार अपने कंधांे पर ले लेते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान गीता के अन्तर्गतम कहते हैं कि मैं सब भूतांे में समभाव से व्यापक हूं, न कोई मेरा प्रिय है न कोई अप्रिय है परन्तु जो भक्त मुझको प्रेम से भजते है वे मुझमें हैं और मैं भी उनमें प्रत्यक्ष प्रकट हूं। स्वामी शिवचैतन्य, शुकदेवानन्द, अनन्तानन्द, नारायणानन्द, निगमानन्द, प्रीतमदास, सदानन्द, स्वामी सुबोध स्वरूप, गौरव स्वरूप आदि ने भी अपने अनुभव व्यैक्त किये। कथा यजमान विपिन अग्रवाल सपत्नीक, ओमप्रकाश शर्मा, चंद्रप्रकाश शर्मा, दिनेश लहरी, द्विजंद्र मोहन शर्मा, संजय अग्रवाल, उमाकान्त पचैरी, दिव्य प्रकाश परिहार, सिद्धार्थ नाथ, अनुग्रह गोपाल अग्रवाल आदि संग काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।