कानपुरः जन सामना संवाददाता। उप्र सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के बैनर तले शहर के तमाम राशन विक्रेताओं ने मुरे कम्पनी पुल के पास स्थित गल्ला गोदाम प्रांगण में अनिश्चित कालीन धरना देकर अपनी कई मांगों को लेकर एक ज्ञापन उप्र के मुख्यमन्त्री जी को भेजा। इस दौरान शहर के अधिकारियों ने दुकानदारों को समझाना चाहा लेकिन दुकानदार नहीं माने और अपना धरना जारी रखा क्योंकि उन्हें लिखित में कोई आश्वासन नहीं दिया जा रहा था।
धरने के दौरान राशन विक्रेताओं ने मांग की कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) के तहत सभी दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाया जाये क्योंकि गोदाम से दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचने में रास्ते का भाड़ा लगभग 40 रुपये से लेकर 50 रुपये प्रति कुन्तल तक आता है जबकि शासन से मात्र 10 रुपये प्रति कुन्तल तक ही दिया जाता है जोकि बहुत कम है इस लिए दुकानों तक राशन पहुंचाना उचित है और हम सब से 10 रुपये प्रति कुन्तल का भाड़ा ले लिया जाये।
प्रत्येक राशन कार्ड पर कमीशन 100 रुपये प्रति कार्ड प्रत्येक महीने दिया जाये ताकि उनका व उनके परिवार के सदस्यों का जीवकोपार्जन हो सके या सभी दुकानदारों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मानकर उन्हें सुविधायें दी जाये। साथ ही परिवार के सदस्यों को चिकित्सकीय सुविधाये मुहैया करवाई जाये। साथ ही दुकान पर कार्य करने वाले दंडीदार ;गल्ला तौलने वालेद्ध को पारिश्रमिक के रूप में कम से कम 5 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाये।
यह भी मांग की कि सभी दुकानदारों के यहां समान संख्या में राशनकार्ड समायोजित किये जायें ताकि दुकानदारों में भेदभाव की प्रवृत्ति को खत्म किया जा सके।
धरना दे रहे दुकानदारों ने बिजली बिल, भवन का किराया सहित अन्य व्यय भुगतान करने की मांग की ताकि राशन की दुकानों का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके।
धरना देने वालों में मुख्यरूप से संरक्षक महेश द्विवेदी, नगर अध्यक्ष दिनेश द्विवेदी, व्यापारी नेता ज्ञानेश मिश्रा, अशोक बाजपेई, दीपक गुप्ता, मनीष गुप्ता, विजय कनौजिया सहित अन्य दुकानदार मौजूद रहे।