‘‘साक्षात्कार’’
⇒गेमिंग से फिल्मों तक, कैसा रहा ये बदलाव?
गमाया की स्थापना भारतीय संस्कृति और विरासत को हमारे बच्चों जान सके, इस सिद्धांत के साथ स्थापित किया गया था। हम बच्चों को भारतीय पौराणिक कथाओं और विरासत तक ले जाना चाहते थे। हम ये सब मनोरंजक और खेल के रूप में लाना चाहते थे। जब हमने गमाया लिजेंड गेम्स पर काम किया, जिसमें रामायण के पात्र हैं, तो हमें लगा कि गेम को बढ़ावा देने के लिए वीडियो बनाने की जरूरत है। वीडियो बनाने की प्रक्रिया ने फिल्म बनाने के विचार को जन्म दिया। हनुमान बनाम महिरावण रामायण की एक्शन, साहस और रहस्य से भरी एक अनकही कहानी है, इसलिए हमने इसे शुरू किया।
फिल्म बनाना हमेशा से मेरी आकांक्षा रही है। गेमिंग ने प्रोड्क्शन के लिए एक ठोस आधार बनाया, जो समय और बजट बाधाओं के भीतर फिल्म को वितरित करने में महत्वपूर्ण रहा है।
ये बदलाव सुखद रहा है। उदाहरण के लिए, अगर हमें एक दृश्य में कई पात्रों को एक साथ शूट करना है, जिसमें बहुत सारे पेड़ हैं, तो सामान्य फिल्म दृष्टिकोण ये होता है कि शॉट के हर पहलू में ज्यादा विस्तार हो. ये एक महान शॉट हो सकता है। लेकिन, ऐसे जटिल दृश्यों को प्रबंधित कर उन्हें प्रस्तुत करने में जो व्यावहारिक दिक्कतें है, वो हमें नीचे भी गिरा सकती है. इसके बजाए, हमने कैमरे और प्रकाश से दूरी के आधार पर पात्रों के विभिन्न स्तरों को शामिल करने के लिए गेमिंग तकनीक का उपयोग किया। इसलिए, दोनों क्षेत्रों के बारे में मेरे ज्ञान ने मुझे इस फिल्म के लिए आवश्यक गुणवत्ता और संसाधनों के बीच संतुलन बनाने में मदद की।
⇒यह एक बहु-देशीय परियोजना है, क्या यह चुनौतीपूर्ण था?
हां, यह चुनौतीपूर्ण और रोमांचक था. हनुमान बनाम महिरावण 5 देशों में बनाई गई है। हमने जापान, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, भारत और यूएसए के विभिन्न कलाकारों और स्टूडियो के साथ काम किया है।
इसके अलावा, बाहरी टीमों से एक्टिंग, एनीमेशन और चरित्र गुणवत्ता प्राप्त करना सबसे बड़ी चुनौती थी। विभिन्न टीमों से कम्युनिकेट करने के लिए दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। मुझे व्यक्तिगत रूप से विभिन्न पात्रों के विभिन्न मूड, अभिव्यक्तियों और शरीर के रूपों को समझाने के लिए एनिमेटेड फ्रेम पर काम करना पड़ा. मैं विस्तृत प्रतिक्रिया भी भेजूंगा, ताकि टीम हमारी इच्छा और प्रत्येक शॉट के निर्देशों को बेहतर ढंग से समझ सके. मुझे यकीन है कि सर्वोत्तम गुणवत्ता पाने के लिए जो दबाव होता है, उससे कुछ टीमें निराश होती है, लेकिन मैं इन टीमों के धैर्य के लिए आभारी हूं। मेरे दिमाग में एक निश्चित मानक सेट था, जिस पर मैंने काम किया था. लेकिन जब भी आवश्यकता हो, मैं हमेशा सुधार के लिए तैयार था।
विभिन्न टाइम जोन, नेटवर्क बैंडविड्थ और भाषा हमारी प्रमुख चुनौतियां थीं. उदाहरण के लिए, हमने हनुमान के कुछ एक्शन सीन के लिए जापान में स्टूडियो का इस्तेमाल किया। उन्होंने हनुमान के शानदार एक्शन सीन के लिए बेहतरीन एनिमेशन किया. हालांकि, वे केवल जापानी भाषा में संवाद कर सकते थे. शुक्र है कि गमाया में संस्थापक भागीदारों में से एक जापान से भी है और वे मेरे विचारों का पूरी तरह से अनुवाद करते है।
⇒क्या आप इसके रिलिज के लिए भारत यात्रा करेंगे? भारत में फिल्म रिलीज करना कैसा अनुभव दे रहा है?
मैं भारत आ गया हूं और चेन्नई से काम कर रहा हूं. हमने यहां एक अनुभवी टीम के साथ एक स्टूडियो स्थापित किया है, जिसने एक अच्छी फिल्म बनाने के लिए उत्कृष्ट काम किया है। मेरे साथी नारायणन (वीएन) अमेरिका से काम करते है और स्क्रिप्ट, संगीत और प्रोड्क्शन कोऑर्डिनेशन देखते है।
मैं भारत में हनुमान बनाम महिरावण के रिलीज को ले कर रोमांचित हूं. यहां मैंने पौराणिक कथाओं पर आधारित फिल्म का एक बड़ा फैन बेस देखा है। ये फिल्म ऐसे सभी प्रशंसकों के लिए एक शानदार गिफ्ट होगा। ये फिल्म भारत में बड़े पैमाने पर फैले एनीमेशन उद्योग के लिए एक प्रेरक होगा।
⇒क्या पौराणिक कथाओं पर काम करना मुश्किल है? क्या भारतीय पौराणिक कथाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार है?
पौराणिक कथाएं कभी भी फैशन से बाहर नहीं जाती। लॉर्ड ऑफ रिंग्स, थोर को देखिए. ये कहानियां विभिन्न संस्कृतियों, लोककथाओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित हैं। भारतीय सिनेमा में कुछ दशक पहले एक समय था, जहां कर्ण इत्यादि जैसी फिल्मों ने लोगों के दिल में एक विशेष स्थान बनाया. जब रामायण टीवी पर प्रसारित होती ठीक तो सारा देश मानो थम सा जाता था। तब से, कहानी और दृश्यों के संदर्भ में बहुत प्रयोग हुए है. वर्तमान पीढ़ी के बच्चों और परिवारों के बीच ये काफी प्रचलित हो गया।
आज ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियों (जैसे बाहुबाली इत्यादि) बन रहे है। क्योंकि फिल्म निर्माताओं ने हॉलीवुड की सुपरहीरो और फंतासी फिल्मों के मुकाबले के लिए कहानी और दृश्यों की गुणवत्ता को बढाया है।
इस फिल्म को अत्याधुनिक तकनीक, हाई एंड एनीमेशन और वीएफएक्स के साथ बनाया गया है. हमने इसे स्टीरियोस्कोपिक 3 डी में भी बनाया है, ताकि दर्शक हनुमान के साथ साहसिक सीन्स में डूब सके. हम चाहते हैं कि यह फिल्म हमारी विरासत पर गर्व महसूस कराएं और हैरी पॉटर, सुपरमैन या एवेंजर्स जैसा आनंद दे.
दुनिया भर में मिस्र, रोमन, ग्रीक और नोर्स देवताओं की कहानियां बेहद लोकप्रिय हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारतीय पौराणिक कथाएं ऐसी ही रुचि उत्पन्न करेंगी।
⇒क्या आप कुछ और साझेदारी की योजना बना रहे हैं?
हां, हम अधिक से अधिक साझेदारी के लिए उत्सुक हूं। इस शैली की हमारे पास कई कहानियां हैं. हम इस फिल्म के सफल होने और बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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