⇒आदेश का बना मजाक ठेकों में नियत समय के पहले और बाद में धड़ल्ले से बेची जाती है शराब
⇒भीड़ बढ़ते ही झोले में बोतले ला कर बाहर दी जाती हैं खरीदारो को
⇒सुबह पॉच बजे से शुरू हो जाती है शराब की बिक्री
कानपुरः अर्पण कश्यप। सरकार के आदेशों की धज्जियां शराब ठेकों पर उड़ती देखी जा सकती हैं। लालच के चक्कर में शराब ठेकों पर चोरी छिपे भी शराब बेचनें के नजारे आ रहे हैं और नियमावली को ताक पर रखा जा रहा है। शराब बिक्री का समय निर्धारित होने के चलते शराब बिक्री पर काफी असर पड़ा था जिस नुकसान की पूर्ति करने के लिये ज्यादातर ठेका संचालकों ने नया तरीका निकाला निकाल लिया है और सरकारी आदेश को लात मारते हुये दीवार में सेंध कर सुविधा शुल्क के साथ धड़ल्ले से बेंची जा रही शराब की बोतलें। गोविन्द नगर, बर्रा, जनता नगर व आसपास के सभी ठेकों का यही हाल है समय से पहले या बाद में अगर बोतल चाहिये तो सुविघा शुल्क भरिये और शराब की बोतल लीजिये। जानकारी करने पर ठेका कर्मी से जवाब मिला कि पुलिस और आबकारी विभाग के मिली भगत से ही शराब बिक्री हो रही है। नियमावली के चलते घाटा हो रहा है और इसी की भरपाई करने के लिए सबकुछ करना पड़ता है।
खबरें सुर्खियों में आने से बौखलाये आबकारी विभाग ने सभी ठेका संचालको को फटकार लगायी है और नियम कायदे से काम करने की सलाह दी है। इसके बावजूद ठेका संचालकों की चाल तो जस का तस है कुल मिलाकर इस पूरे खेल में खेल पैसे का चल रहा है। आबकारी विभाग क्षेत्रीय पुलिस और ठेका संचालक आपस मे बंदरबंट करते हुये सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।