हाथरस, जन सामना संवाददाता। आल इण्डिया बैंक इम्पलाईज एसोसिएशन एवं आल इण्डिया बैंक आफीसर्स एसोसिएशन के संयुक्त आहवान पर सभी बैंकों और शाखाओं में नकदी भेजे जाने को सुनिश्चित करने, बिना किसी और देरी के सभी एटीएम को चालू किये जाने, रिजर्व बैंक आफ इण्डिया द्वारा नकदी आपूर्ति न करने तक बैंकों में नकदी व्यवहार निलम्बित करने, बैंकों में नकदी आपूर्ति में भेदभाव बन्द किये जाने, बैंकों को नकदी की आपूर्ति में पारदर्शिता सुनिश्चित किये जाने, भारी पैमाने में नई करेंसी नोट जो कुछ बड़े लोगों के पास प्राप्त हुए हैं पर सीबीआई जाॅच कराने, विमुद्रीकरण प्रकरण के कारण जन-सामान्य, बैंक ग्राहकों और बैंक स्टाफ जिनकी जाने गई हैं उनके परिवारों को क्षतिपूर्ति दिये जाने, बैंक कर्मियों की सुरक्षा व बचाव किये जाने तथा बैंककर्मियों को अतिरिक्त कार्य के लिये उचित क्षतिपूर्ति दिये जाने की माॅगों को लेकर यूनियन बैंक आफ इण्डिया पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए यूपीबीईयू के प्रान्तीय सहायक महामंत्री बी.एस.जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री की विमुद्रीकरण योजना को सफल बनाने के लिये बैंककर्मियों ने समर्पित भाव से जीतोड़ मेहनत की, परन्तु जिस उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने विमुद्रीकरण योजना की घोषणा की उनमें से न तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा, न जाली नोट चलन से बाहर हुए, न कालेधन रखने पर प्रभाव पड़ा और न आतंकवाद की गतिविधियों पर असर पड़ा। इसके विपरीत नई समस्याऐं उत्पन्न हो गई। देश का मजदूर, किसान एवं व्यापारी सभी परेशान है। देश में विमुद्रीकरण योजना पर गम्भीर रूप से राजनीति शुरू हो गई है। बैंककर्मियों को विमुद्रीकरण योजना के तहत कईयों की जाने चली गयी, जनता के आक्रोश के कारण घायल हुए, कई जगहों पर उन्हें बन्दी बना दिया गया। बिना सोचे समझे उन्हें बदनाम किया गया। राष्ट्रीय संगठनों ने प्रत्येक स्तर पर बैंककर्मियों की समस्याओं को रखा, परन्तु वित्त मंत्री तक ने गम्भीरता से विचार नहीं किया। मजबूर होकर राष्ट्रीय संगठनों को आन्दोलन का आहवान करना पड़ा है। आप आन्दोलन को सफल बनाइये, संगठन आपकी समस्याओं का निराकरण करायेगा। अन्त में कार्यवाहक अध्यक्ष पी.एस.रावत ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित विमुद्रीकरण योजना पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए प्रदर्शन को सफल बनाने के सभी प्रदर्शनकारियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया। आज के प्रदर्शन को सफल बनाने में एस.के.सिंह, राकेश वर्मा, बनी सिंह, डी.सी.गुप्ता, शैलेन्द्र तौमर, ओमप्रकाश, हरिश्चन्द्र, नवल किशोर शर्मा, अशोक शर्मा, ए.के.सिंह, सुरेश चन्द्र, ए.के. वर्मा, रवि राकेश, शोभित वर्मा, अरविन्द जैन, महेन्द्र सिंह, अजय कुमार, रवि सिंह, राकेश सारस्वत, विनय यादव, रमन कुमार, पुष्पेन्द्र जैन तथा रमेश सैनी आदि ने सक्रिय भूमिका अदा की।