मुम्बई, जन सामना ब्यूरो। जियो मामी 20वें मुंबई फिल्म फेस्टिवल विद स्टार के लिए ऑक्सफैम बेस्ट फिल्म ऑन जेंडर इक्वलिटी अवार्ड 2018 के तीसरे संस्करण के लिए नौ फिल्में चुनी गई
स्टीरियोटाइप को तोडते हुए, इस साल का थीम है ऑक्सफैम बेस्ट फिल्म ऑन जेंडर इक्वलिटी अवार्ड 2018 इस साल के जिओ मामी 20 वें मुंबई फिल्म फेस्टिवल विद स्टार में जियो मामी 20वें मुंबई फिल्म फेस्टिवल विद स्टार के लिए ऑक्सफैम बेस्ट फिल्म ऑन जेंडर इक्वालिटी अवॉर्ड 2018 के तीसरे संस्करण के लिए नौ फिल्में चुनी गई है।
इस साल ऑक्सफैम बेस्ट फिल्म ऑन जेंडर इक्वालिटी अवॉर्ड के लिए चुनी गई फिल्में विभिन्न भारतीय भाषाओं में ऐसी पावरफुल ड्रामा हैं, जो मौजूदा समय पर सामाजिक टिप्पणी को आकर्षक बनाते हैं। इस साल, ऑक्सफैम इंडिया फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और कलाकारों को ऐसी फिल्में बनाने की चुनौती दे रहा है जो फिल्मों में मेल और फीमेल पात्रों के रूढ़िवादी चित्रण को तोड़ दे, इस साल के पुरस्कार के लिए थीम है, ’सिनेमा बियोंड स्टीरियोटाइप’ 2017 में रीमा दास की असमिया फिल्म ’विलेज रॉकस्टार’ ने मामी में ऑक्सफैम बेस्ट फिल्म ऑन जेंडर इक्वालिटी अवॉर्ड जीता और बाद में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त भी किया। अब यह ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि बन गई है।
इस साल के अवार्ड के लिए रीमा दास राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री पार्वती और दोहा फिल्म इंस्टीट्यूट की सीईओ फातिमा अल रेमाही के साथ जूरी सदस्य होंगी। मराठी फिल्म ’इमागो’ एक शर्मीली, किशोर लड़की की कहानी है, जो ल्यूकोडर्मा (कुष्ठ) और इससे जुडे सामाजिक कलंक से जूझ रही है वहीं ’हामिद’ एक 8 वर्षीय लड़के की नजर से कश्मीर संघर्ष के दोनों पक्षों की पड़ताल करता है। वहीं कन्नड़ फिल्म ’बालेकेम्पा’ एक ऐसे दंपत्ति की कहानी है जो संतान पैदा नहीं कर पा रहे है और बंगाली फिल्म ’जोनाकी’ एक 80 वर्षीय महिला की कहानी है जो प्यार की तलाश में हैं।
जूरी के लिए निर्णय कर पाना बहुत ही कठिन होगा क्योंकि पांच अन्य मजबूत फिल्में भी लिस्ट में है। ’सोनी’ इवान अय्यर द्वारा निर्देशित एक हिंदी फिल्म है, आदीश केलुस्कर द्वारा निर्देशित ’जाऊं कहां बता ए दिल’, राहुल रिजी नायर द्वारा निर्देशित ’लाइट इन द रूम’, मंसूर द्वारा निर्देशित कन्नड़ फिल्म ’नाथिचरामी’ और वसंत एस साईं द्वारा निर्देशित एक तमिल फिल्म, ’सिवारंजनी एंड टू अदर वूमेन’ भी जोरदार टक्कर दे रही है।
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहाः
हम इस बात को ले कर रोमांचित हैं कि इस साल शॉर्टलिस्टेड फिल्मों की संख्या पिछले साल की चार फिल्मों से बढ़ कर नौ हो गई है। यह दुनिया भर में सिनेमा उद्योग में बदलते समय का प्रतिबिंब है। ऐसी कहानियां जो भारत की सामाजिक-राजनीतिक वास्तविकताओं का दर्पण हैं और जाति, वर्ग और लिंग की रूढ़िवादी चित्रण को बदल रही है। इन्हें समाज और दर्शकों से स्वीकार्यता और सराहना भी मिल रही है। फिल्मों में महिलाएं ऑन और ऑफ स्क्रीन जगह बना रही है। ये अवार्ड यथास्थिति को चुनौती देने वाली कहानियों और लोगों की सराहना, जश्न मनाने और समर्थन करने का काम करते है। शॉर्टलिस्टेड फिल्में विभिन्न भारतीय भाषाओं में हैं, कन्नड़, मराठी, हिंदी, मलयालम, तमिल, बंगाली आदि. यह हमें बहुत खुशी देता है कि पिछले साल का विजेता ’विलेज रॉकस्टार’ इस साल ऑस्कर के लिए भारत की तरफ से भेजी जा रही है।
इस वर्ष के लिए मामी में ऑक्सफैम बेस्ट फिल्म ऑन जेंडर इक्वालिटी अवॉर्ड 2018 के विजेता की घोषणा 1 नवंबर 2018 को फेस्टिवल की अंतिम रात को की जाएगी।
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