हाथरस, नीरज चक्रपाणि। शैलेन्द्र वार्ष्णेय सर्राफ ने जिलाधिकारी को पत्र सौंपकर मांग की है कि हाथरस के राजा महेन्द्र प्रताप सिंह जिन्होंने अंग्रेजों से आजादी के लिये 31 साल लड़ाई लड़ी थी व गदर पार्टी की भी स्थापना भी की थी। उन्हें स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों की कड़ी में शीर्ष स्थान पर माना जाता है। मां भारती की आरती के अविचल अखण्ड दीप कहलाने वाले राजा महेन्द्र प्रताप का नाम श्री दाऊजी मेला प्रांगण के स्वतंत्रता सैनानियों के शिलालेख पर अंकित नहीं है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह का नाम इस शिलालेख पर अंकित था। शिलालेख के खंडित हो जाने पर दुबारा से बने शिलालेख में राजा साहब का नाम जो कि सर्वप्रथम लिखा हुआ था वह अब नहीं लिखा हुआ है। इससे जनता की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। इसलिये राजा महेन्द्र प्रताप सिंह का नाम शिलालेख पर अंकित कराया जाये।