शिवपाल यादव और जिलाध्यक्ष के हटाये पोस्टर
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। सपा में उच्च स्तर पर चल रही आपसी खींचतान के बीच जनपद के मुख्यमंत्री अखिलेश और प्रो0 रामगोपाल के समर्थकों ने मंगलवार को सपा के जिला कार्यालय पर कब्जा कर ताला डालने के साथ ही मिष्ठान वितरित किया। यही नही प्रदेश अध्यक्ष का दावा करने वाले शिवपाल यादव और जिलाध्यक्ष अमोल यादव के पोस्टर भी जिला कार्यालय से हटा दिये। जिसके बाद जनपद की राजनीति भी गरमा गयी है। नव वर्ष 1 जनवरी को लखनऊ में हुये विशेष अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सर्व सम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने, शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने, अमर सिंह को पार्टी से निष्काषित करने तथा मुलायम सिंह यादव को सपा का संरक्षक बनाने के बाद से ही सपा में दो फाड हो गये थे। लखनऊ में हुये इस घटनाक्रम से सभी उहा पोह की स्थिति में पड गये। जवकि जनपद में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से जुडे पुराने नेता व कार्यकर्ता चुप्पी साध कर बैठ गये। वही अखिलेश समर्थक खुशी का इजहार करने लगे। सोमवार रात्रि को जव जनपद के बरिष्ठ सपा नेताओं, विधायकों एवं एमएलस की गाडी ने जनपद में लखनऊ से जनपद में कूंच की तो सबसे पहले उन्होंने सपा कार्यालय पर कब्जा जमाने की रणनीति तैयार कर ली। मंगलवार प्रातः एमएलसी डा0 दिलीप यादव के नेतृत्व में अखिलेश और प्रोफेसर रामगोपाल यादव समर्थक एकत्रित होकर दबरई के सामने स्थित जिला कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले कार्यालय में लगे सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव व जिलाध्यक्ष अमोल यादव के पोस्टर हटा दिये और इसके पश्चात उन्होंने कार्यालय पर मिष्ठान वितरण कर तालेबंदी कर दी और अपना कब्जा जमा लिया। इधर लखनऊ में सपा कुनबे में आपसी समझौता करवाने के लिये जो बैठक हुई इस बैठक पर भी सभी की निगाहे टिकी रही। लोग कयास लगाते रहे कि शायद बात बन जाये। परन्तु बात न बनने पर सभी भौचक्के रह गये। अब सभी की निगाहे चुनाव आयोग के फैसले पर टिकी हुई है। देखना यह है कि आयोग किसके पक्ष में फैसला देता है या फिर इस चुनाव चिन्ह को ही फ्रीज करता है। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि सपा की रार अब थमती नजर नही आ रही है।